बागलकोट/बेंगलुरु: अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में लोकायुक्त अधिकारियों ने राज्य के विभिन्न जिलों में कई सरकारी अधिकारियों के आवास और दफ्तरों पर एक साथ छापेमारी की. लोकायुक्त की छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए नकद, सोना, चांदी, दस्तावेज और दो स्टार कछुए जब्त किए गए हैं. बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने बुधवार को कई जिलों में छापेमारी की. यह छापेमारी कोडागु, कुशलानगर, केआरपुरम बेंगलुरु, विजयनगर, चिक्कबल्लापुर, तुमकुरु, चिकमगलूर, यादगिरी, बेलगावी, रामानगर और कोलार में की जा रही है.
इस दौरान कुछ सरकारी अधिकारियों के घरों से लाखों रुपये की नकदी बरामद की गई है. इस बारे में लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि कइ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है. इसी कड़ी में छापेमारी के दौरान कृषि विभाग की संयुक्त संचालक चेतना पाटिल के घर पर छापे में दो स्टार कछुए बरामद किए गए. गौरतलब है कि स्टार कछुए वे कछुए होते हैं जिनकी पीठ पर खूबसूरत पीली और काले रंग के चकत्ते जैसी आकृति होती है. यह देखने में पिरामिड के आकार जैसी होती है. इनकी खूबसूरत बनावट के साथ ही इनसे जुड़ी गलत धारणा भी है. दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में यह माना जाता है कि स्टार कछुए भाग्य का प्रतीक होते हैं. इनको पालने से भाग्य बदल जाता है. ऐसे में इन्हें घरों में पालने को लेकर मांग अधिक होती है.
इसी तरह लोकायुक्त अधिकारियों ने विद्यागिरि के बिलागी कस्बे के कृषि विभाग के सहायक निदेशक कृष्णा शिरूरू के घर पर भी छापा मारा. कुल दो टीमों ने एक साथ धावा बोला. इस मामले में अहम दस्तावेज मिले हैं जिनकी अधिकारियों ने जांच की है. यह छापेमारी डीएसपी शंकर रागी और पुष्पलता के नेतृत्व वाली टीमों ने की. लोकायुक्त की टीम ने अधिकारियों के घरों के अलावा दफ्तरों में भी छापेमारी की और कर्मचारियों से पूछताछ करने के अलावा दस्तावेजों की जांच की. बागलकोट और बिलागी कार्यालयों पर भी छापे मारे गए हैं. अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में लोकायुक्त अधिकारियों ने केरपुर तहसीलदार के घर पर छापेमारी की है.
लोकायुक्त शहर संभाग एसपी अशोक के नेतृत्व में एक टीम ने संपत्ति पर अवैध अर्जित करने के संदेह में तहसीलदार अजीत राज राय के घर और कार्यालय पर छापा मारा. उनके सहकार नगर और राममूर्ति नगर में आवासों और कार्यालयों पर छापे मारे गए. हालांकि तहसीलदार अजित को राज्य सरकार ने राजकुलवे अतिक्रमणकारियों का सहयोग करने करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने उनका निलंबन आदेश वापस लेने के कारण वह तहलीलदार के पद पर फिर से कार्यरत हो गए थे. बताया जाता है कि एक सप्ताह पहले ही अजित राय का बिना जगह बताए ही तबादला कर दिया गया था.
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