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कर्नाटक लॉ इंटर्न यौन उत्पीड़न मामला: आरोपी वकील को मिली जमानत - accused advocate gets bail in karnataka

अदालत के अगले आदेश तक आरोपी से कर्नाटक राज्य बार काउंसिल की सदस्यता से वापस ले ली गयी (membership of Karnataka State Bar Council withdrawn) है और उसके खिलाफ प्राथमिकी के बाद अदालतों में अभ्यास नहीं करने के निर्देश दिए गए. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों ने पहले आरोपी को तीसरे अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत में विशेष लोक अभियोजक के रूप में जारी नहीं रखने का निर्देश दिया था. जांच जारी रखी गई है.

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Published : Feb 11, 2022, 4:08 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने लॉ ग्रेजुएट इंटर्न छात्रा द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अधिवक्ता के. एस. एन. राजेश को सशर्त जमानत (Karnataka HC granted conditional bail to advocate K.S.N. Rajesh) दी है. वकील राजेश लॉ इंटर्न छात्रा द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले (sexual harassment case filed against lawyer by law intern) में पुलिस हिरासत में थे. डेढ़ महीने बाद अब उन्हें जमानत मिली है.

अदालत ने आरोपी वकील को निर्देश दिया कि वह मंगलुरु शहर छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं, यदि गए तो उन्हें पुलिस को सूचित करना होगा. साथ ही वे सबूतों को नष्ट करने और पीड़िता को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. बता दें कि पीड़िता लॉ ग्रेजुएट की छात्रा है. उसने आरोपी के.एस.एन राजेश के खिलाफ 18 अक्टूबर 2021 को यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज (case of sexual harassment against adv. Rajesh) कराया था.

इस बीच, पुलिस विभाग ने मामले की जांच में लापरवाही के लिए एक महिला उप-निरीक्षक सहित दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. विभाग ने खुफिया ब्यूरो (IB) के माध्यम से देश के सभी हवाई अड्डों पर लुकआउट नोटिस जारी किया था. दो महीने से अधिक समय तक छिपे रहे आरोपी ने मंगलुरु में स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.

पढ़ें : अरुणाचल प्रदेश : सौतेली बेटी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल सश्रम कारावास

आरोपी को अगले आदेश तक कर्नाटक राज्य बार काउंसिल की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ प्राथमिकी के बाद अदालतों में अभ्यास नहीं करने के निर्देश दिए गए. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों ने पहले आरोपी को तीसरे अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत में विशेष लोक अभियोजक के रूप में जारी नहीं रखने का निर्देश दिया था. जांच जारी रखी गई है.

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने लॉ ग्रेजुएट इंटर्न छात्रा द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अधिवक्ता के. एस. एन. राजेश को सशर्त जमानत (Karnataka HC granted conditional bail to advocate K.S.N. Rajesh) दी है. वकील राजेश लॉ इंटर्न छात्रा द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले (sexual harassment case filed against lawyer by law intern) में पुलिस हिरासत में थे. डेढ़ महीने बाद अब उन्हें जमानत मिली है.

अदालत ने आरोपी वकील को निर्देश दिया कि वह मंगलुरु शहर छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं, यदि गए तो उन्हें पुलिस को सूचित करना होगा. साथ ही वे सबूतों को नष्ट करने और पीड़िता को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. बता दें कि पीड़िता लॉ ग्रेजुएट की छात्रा है. उसने आरोपी के.एस.एन राजेश के खिलाफ 18 अक्टूबर 2021 को यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज (case of sexual harassment against adv. Rajesh) कराया था.

इस बीच, पुलिस विभाग ने मामले की जांच में लापरवाही के लिए एक महिला उप-निरीक्षक सहित दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. विभाग ने खुफिया ब्यूरो (IB) के माध्यम से देश के सभी हवाई अड्डों पर लुकआउट नोटिस जारी किया था. दो महीने से अधिक समय तक छिपे रहे आरोपी ने मंगलुरु में स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.

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आरोपी को अगले आदेश तक कर्नाटक राज्य बार काउंसिल की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ प्राथमिकी के बाद अदालतों में अभ्यास नहीं करने के निर्देश दिए गए. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों ने पहले आरोपी को तीसरे अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत में विशेष लोक अभियोजक के रूप में जारी नहीं रखने का निर्देश दिया था. जांच जारी रखी गई है.

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