बेंगलुरु : कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (Karnataka Home Minister Araga Jnanendra ) ने पुलिस के एक वर्ग पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये (पुलिसकर्मी) पशु तस्करों से रिश्वत लेते हैं और उन्हें बेझिझक तस्करी करने की छूट देते हैं.
वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में, ज्ञानेंद्र को कथित तौर पर मवेशियों, विशेषकर गायों की चोरी और तस्करी को रोकने में विफल रहने के लिए एक पुलिस अधिकारी पर फोन पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है.
ज्ञानेन्द्र को वीडियो में यह कहते हुए सुना गया है, 'मवेशियों को लाने-ले जाने वाले आदतन अपराधी हैं. आपके अधिकारी यह जानते हैं, लेकिन फिर भी वे घूस लेते हैं और कुत्तों की तरह सो जाते (sleep like dogs) हैं. आपकी पुलिस को आत्मसम्मान की आवश्यकता है.'
उन्हें यह भी कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैंने अब तक कुछ नहीं कहा था, लेकिन क्या मुझे गृह मंत्री के रूप में बने रहना चाहिए या नहीं?' उन्होंने दावा किया है कि चिक्कमगलुरु और शिवमोगा जिलों में मवेशियों की तस्करी चल रही है.
वीडियो के अनुसार ज्ञानेन्द्र ने कहा, 'आज पूरा पुलिस बल सड़ा हुआ है. हम वेतन दे रहे हैं लेकिन कोई भी केवल वेतन पर नहीं रहना चाहता. वे रिश्वत पर रहना चाहते हैं.'
मंत्री ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को नहीं, बल्कि पुलिस के एक वर्ग के बारे में ऐसा कहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि शिवमोगा जिले के तीर्थल्ली तालुक स्थित उनके गांव में, पशु तस्करों ने पशु अधिकारों की रक्षा में जुटे दो कार्यकर्ताओं को अपने वाहन से उस वक्त कुचलने का प्रयास किया जब उन्हें रोकने की कोशिश की गई.
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ज्ञानेंद्र ने कहा, 'उनकी (पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की) हालत इतनी गंभीर थी कि मैंने उन्हें बेंगलुरु के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया. मुझे बहुत दुख हुआ. यह एक अमानवीय कृत्य है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले नए कानून से लैस होने के बावजूद कुछ पुलिसकर्मी पशु तस्करों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
ज्ञानेंद्र ने स्पष्ट किया, 'कुछ पुलिसकर्मियों की उनके (तस्करों के) साथ मिलीभगत थी. इस पृष्ठभूमि में मैंने गुस्से में (वीडियो में) बात की थी.'
(पीटीआई)