हैदराबाद : कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब देशभर में फैलने लगा है. महाराष्ट्र के मालेगांव में हिजाब और बुर्का के समर्थन में 'हिजाब दिवस' मनाया, वहीं देश के अन्य राज्यों यूपी के अलीगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी तरह-तरह से विरोध की खबरें सामने आई हैं.
महाराष्ट्र के मालेगांव में हजारों मुस्लिम महिलाओं ने अजीज कल्लू स्टेडियम में हिजाब के समर्थन में रैली की. विधायक मुफ्ती ने एक घंटे की सभा को संबोधित किया. उन्होंने हिजाब का समर्थन किया और हिजाब दिवस मनाने की अपील की (Hijab Day in Malegaon). महिलाओं को हिजाब और बुर्का पहनकर अपने धर्म की शिक्षाओं को बनाए रखने की शपथ दिलाई गई और उनसे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया गया.
उऩ्होंने कहा कि भारत एक ऐसी संस्कृति है जो महिलाओं का सम्मान करती है इस संस्कृति को नष्ट करने की साजिश कुछ कट्टर ताकतें कर रही हैं. महाराष्ट्र के कई अन्य शहरों से विरोध की खबरें आई हैं.
एएमयू स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन
यूपी केअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. हाथों में लिए पोस्टर के जरिए संदेश दिया कि हिजाब हमारी 'डिग्निटी' है और हमारा राइट है. वहीं छात्रों के बैनर में 'माय चॉइस माय राइट' की बात कही. एएमयू कैंपस में ये तदबीर अल्लाह ओ अकबर के नारे लगे. तो वहीं बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ भी छात्रों ने नारे लगाए.
राजस्थान में चाकसू के कॉलेज में विरोध
जयपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर चाकसू के निजी कॉलेज ( Controversy on Wearing Burka in Chaksu collage) में शुक्रवार सुबह कुछ छात्राएं बुरका पहनकर पहुंचीं. इस पर कॉलेज प्रशासन ने उन्हें यूनीफॉर्म पहनकर आने को कहा तो विवाद (Controversy Over Dress code In Chaksu ) खड़ा हो गया. छात्राओं ने परिजनों को बुला लिया, जिसके बाद काफी देर तक हंगामा हुआ.
एमपी में फुटबाल खेल और बाइक चलाकर जताया विरोध
मध्य प्रदेश के भोपाल से बुर्का-हिजाब पहनी युवतियों का बाइक चलाते हुए हैरान करने वाला वीडियो सामने आया (bhopal hijab girls riding bike video viral) है. वीडियो में हिजाब पहनीं युवतियां खुली सड़क पर बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक पर नजर आती (girls wearing hijab riding bike in mp) हैं.
वहीं, प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के स्कूलों में हिजाब बैन को लेकर बयान के बाद छात्राओं ने हिजाब पहनकर क्रिकेट और फुटबॉल खेला. इस दौरान कई लोग मैच देखने पहुंचे और उन्हें उत्साहित भी किया. लड़कियों ने इसके जरिए उन लोगों को जवाब देने का प्रयास है जो सवाल उठा रहे हैं कि नौकरी के दौरान या फिर किसी खेल के दौरान हिजाब नहीं पहना जा सकता है. लड़कियों ने साफ कहा कि हिजाब और नकाब में हम कंफर्टेबल हैं. और ये हमारा राइट है, हमारी आइडेंटिटी है. वहीं, भोपाल शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी के बयान ने आज जुमे की नमाज से पहले हिजाब पर गाइडलाइन की बात कही है. उन्होंने कहा कि हिजाब को लेकर जिस तरह की बहस और बवाल मचा है, वैसे हालात की जरूरत नहीं है. हर मजहब के मानने वाले को धर्म की मान्यता के मुताबिक कपड़े पहनने की आजादी है. ऐसे में हिजाब या बुर्के को लेकर अलग से बहस करने या नियम कानून लागू करने की क्या जरूरत है. उऩ्होंने धैर्य और सद्भाव बनाए रखने की अपील की.
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कर्नाटक में वायरल हुआ था छात्रा का वीडियो
कर्नाटक के मांडया जिले में पीईएस कॉलेज में का वीडियो वायरल हुआ था. मंगलवार को हिजाब पहने कॉलेज की छात्रा मुस्कान को देखकर छात्रों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए थे. युवती ने भी इसका जवाब 'अल्लाह-हु-अकबर' का नारा लगाकर दिया था. बाद में एक मुस्लिम संगठन ने छात्रा को ईनाम देने का एलान किया था, जिसके बाद कर्नाटक में हिंदू संगठन ने शिकायत दर्ज कराई थी.
महाराष्ट्र के कॉलेज में प्रतिबंध, ये दिया तर्क
मुंबई में एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय (SNDT Womens University) से संबद्ध एमएमपी शाह कॉलेज में हिजाब, दुपट्टा, घूंघट और बुर्का बैन का मामला सामने आया है. कॉलेज प्रशासन का कहना कि आपका चेहरा ही आपकी पहचान है और कॉलेज में इसे ढकना मना है, इसलिए हमने अपने कॉलेज के नियमों में न केवल हिजाब बल्कि घूंघट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, सपा विधायक रईस शेख ने इस पर कहा कि 'महाराष्ट्र के कॉलेजों में अगर ऐसे नियम हैं तो हम इसके खिलाफ हैं, सरकार इस पर ध्यान दे.'
जानिए कहां से शुरू हुआ विवाद
कर्नाटक में हिजाब विवाद की कई घटनाएं सामने आई हैं. मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कुछ हिंदू छात्र हिजाब के जवाब में भगवा शॉल पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में आ रहे हैं. यह मुद्दा जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय से शुरू हुआ था. यहां छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं. इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों से भी आए.
कर्नाटक के उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने के विवाद ने राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने इसे एक 'राजनीतिक' कदम करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षण संस्थान धार्मिक केंद्रों में बदल गए हैं. हाई कोर्ट अब सोमवार को इसपर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई.
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असम CM हिमंता बोले- देश को तोड़ना चाहती है कांग्रेस
कर्नाटक हिजाब विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उत्तराखंड में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को तोड़ना चाहती है. इसीलिए इस तरह के विवाद खड़े कर रही है. कांग्रेस जिस तरह से बोल रही है उससे लगता है कि उनके अंदर जिन्ना की आत्मा प्रवेश कर गई है.
कर्नाटक को लेकर उन्होंने कहा कि अभी वहां पर जो हो रहा है, वो ज्ञान का मसला नहीं है, बल्कि ज्ञान के मंदिर में धर्म को लाया जा रहा है. यदि क्लास में छात्रा हिजाब पहनकर जाती है तो टीचर को कैसे मालूम होगा कि छात्रा को कुछ समझ में आ रहा या नहीं आ रहा है. तीन साल पहले तो कॉलेज में कोई भी नहीं बोला था कि हिजाब पहनना है. अचानक ये मसला खड़ा होता है और कर्नाटक हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में ये मामला जाता है. वहां पर भी कांग्रेस के वकील खड़े होते हैं. इससे साफ पता चलता है कि ये देश को तोड़ने की एक कोशिश है.
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अराजकता फैलाने के प्रयास हो रहे : प्रहलाद पटेल
हिजाब विवाद पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री प्रहलाद पटेल ने जोधपुर में कहा कि यह सब अराजकता फैलाने के प्रयास है. देश के बुद्धिजीवियों और भाजपा सहित अन्य राष्ट्रवादियों को एक होकर इनके खिलाफ जन जागरण चलाना होगा. साथ ही उन्होंने यूपी में ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया.
देश में अस्थिरता का षड्यंत्र : भाजपा विधायक
जयपुर में भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने इस तरह के विरोध को देश में अस्थिरता का षड्यंत्र करार दिया है. दिलावर ने कहा यह देश में अस्थिरता पैदा करने का एक षड्यंत्र है जो ठीक नहीं है. विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि कॉलेज में ग्रामीण परिवेश के बच्चे पढ़ते हैं और उनका मन हो कि धोती पहनकर कॉलेज जाएं, तो संस्थान के ड्रेस कोड की पालना तो करना ही चाहिए.
हिजाब मुद्दे पर कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ये बोले-
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि यह एक बहुत छोटा विवाद था जिसे बातचीत से सुलझाया जा सकता था लेकिन राज्य सरकार ऐसा करने में विफल रही और अब पूरा देश देख रहा है. उन्होंने कहा कि जब उडुपी में मामला सामने आया तो हमने कहा था कि स्कूल प्रशासन, छात्र के परिवार और स्कूल प्रबंधन को एक साथ बैठकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. कर्नाटक में कांग्रेस का क्या रुख है पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने बयानों में स्पष्ट कर दिया था कि वह हिजाब मुद्दे पर छात्र के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक हित के लिए स्कूल और कॉलेज के छात्रों के दिलों में एक-दूसरे के खिलाफ नफरत पैदा करना चाहती है, जिसमें वह पूरी तरह से सफल होती नजर आ रही है.