बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ( Karnataka High Court) ने मंगलवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनके सामने पेश होने के लिए जारी नोटिस के खिलाफ ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी (Twitter India managing director Manish Maheshwari) की याचिका पर 20 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा.
न्यायमूर्ति जी नरेंद्र ( Justice G Narendar ) ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि वह अगले मंगलवार को फैसला सुनाएंगे.
न्यायाधीश ने कहा कि वह पुलिस के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के संबंध में उद्धरणों का विस्तार से अध्ययन करेंगे.
गौरतलब है कि गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पुलिस ने 21 जून को सीआरपीसी की धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी कर माहेश्वरी से 24 जून को सुबह 10.30 बजे लोनी बॉर्डर थाना में रिपोर्ट करने को कहा था.
माहेश्वरी ने इस नोटिस के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की क्योंकि वह कर्नाटक के बेंगलुरु में रहते हैं.
उच्च न्यायालय ने 24 जून को अपने अंतरिम आदेश में गाजियाबाद पुलिस को माहेश्वरी के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया था.
न्यायमूर्ति नरेंद्र ने यह भी कहा था कि अगर पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है, तो वे ऑनलाइन माध्यम के जरिए ऐसा कर सकती है.
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गौरतलब है कि गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ट्विटर इंडिया), समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के अलावा कांग्रेस नेताओं सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और लेखक सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
उन पर एक वीडियो को प्रसारित करने का मामला दर्ज किया गया था जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल शमाद सैफी ने आरोप लगाया था कि पांच जून को कुछ युवकों ने उनकी पिटाई की, जिन्होंने उसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा था.
पुलिस के अनुसार, वीडियो को सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए साझा किया गया था.
(पीटीआई भाषा)