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ऑपरेशन कमल : हाईकोर्ट ने सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ जांच की दी अनुमति

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Published : Mar 31, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 5:44 PM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप केस में मुसीबत बढ़ सकती है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में सीएम येदियुरप्पा की भूमिका की जांच की अनुमति दे दी है.

ऑपरेशन कमल केस
ऑपरेशन कमल केस

बेंगलुरु : ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप केस में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को झटका लगा है. कर्नाटक हाई कोर्ट की कलबुर्गी खंडपीठ ने ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप मामले में राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ जांच की इजाजत दे दी है.

येदियुरप्पा के खिलाफ साल 2019 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. उन पर जेडीएस विधायक नगनगौड़ा कांडकुर के बेटे शरणगौड़ा को धन और मंत्रालय के वादे के साथ लुभाने की कोशिश करने का आरोप है. शरणगौड़ा की शिकायत के आधार पर सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा ने बुधवार को फरवरी 2019 के अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए नया अंतरिम आदेश पारित किया.

जेडीएस विधायक नगनगौड़ा के बेटे शरणगौड़ा ने कथित तौर पर येदियुरप्पा के साथ अपनी बातचीत रिकॉर्ड की थी. येदियुरप्पा तब कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे.

तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस बातचीत का ऑडियो क्लिप जारी कर आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने जेडीएस विधायक को पैसे और पद का लालच देकर लुभाने की कोशिश की.

पढ़ें- हाई कोर्ट ने परमबीर से पूछा, देशमुख के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं कराई?

गौरतलब है कि भाजपा ने 2019 में कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने और राज्य में नई सरकार बनाने के लिए ऑपरेशन कमल चलाया था. जिसके तहत भाजपा नेताओं ने कथित तौर पर कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायकों को धन तथा पैसे का लाचल देकर कुमारस्वामी की सरकार को गिराने का जाल बुना.

भाजपा अपने इस मकसद में कामयाब रही और तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को सरकार के अल्पमत में आने के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

बेंगलुरु : ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप केस में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को झटका लगा है. कर्नाटक हाई कोर्ट की कलबुर्गी खंडपीठ ने ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप मामले में राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ जांच की इजाजत दे दी है.

येदियुरप्पा के खिलाफ साल 2019 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. उन पर जेडीएस विधायक नगनगौड़ा कांडकुर के बेटे शरणगौड़ा को धन और मंत्रालय के वादे के साथ लुभाने की कोशिश करने का आरोप है. शरणगौड़ा की शिकायत के आधार पर सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा ने बुधवार को फरवरी 2019 के अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए नया अंतरिम आदेश पारित किया.

जेडीएस विधायक नगनगौड़ा के बेटे शरणगौड़ा ने कथित तौर पर येदियुरप्पा के साथ अपनी बातचीत रिकॉर्ड की थी. येदियुरप्पा तब कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे.

तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस बातचीत का ऑडियो क्लिप जारी कर आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने जेडीएस विधायक को पैसे और पद का लालच देकर लुभाने की कोशिश की.

पढ़ें- हाई कोर्ट ने परमबीर से पूछा, देशमुख के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं कराई?

गौरतलब है कि भाजपा ने 2019 में कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने और राज्य में नई सरकार बनाने के लिए ऑपरेशन कमल चलाया था. जिसके तहत भाजपा नेताओं ने कथित तौर पर कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायकों को धन तथा पैसे का लाचल देकर कुमारस्वामी की सरकार को गिराने का जाल बुना.

भाजपा अपने इस मकसद में कामयाब रही और तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को सरकार के अल्पमत में आने के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

Last Updated : Mar 31, 2021, 5:44 PM IST
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