दावणगेरे (कर्नाटक): गांव में पक्की सड़क नहीं होने से परेशान रामपुरा गांव की युवती बिंदू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को उचित सड़क संपर्क बनवाने के लिए पत्र लिखा है. साथ ही उसने कहा है कि जब तक गांव के लोगों के लिए सड़क नहीं बन जाती है तब तक वह शादी नहीं करेगी.
बता दें कि रामपुरा नामक गांव दावणगेरे जिले में दावणगेरे-चित्रदुर्ग सीमा पर मायाकोंडा होबली से जुड़ता है. इस गांव में 40 घर हैं लेकिन गांव में कोई सही रोड नहीं है. यही वजह है कि लोगों को मजबूरी में कीचड़ वाली सड़कों का उपयोग करना पड़ता है. सड़क की समस्या के कारण कोई भी अपनी लड़की की शादी इस गांव में नहीं करता है और न ही इस गांव की लड़की से कोई लड़का शादी को तैयार होता है.
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इस संबंध में बिंदू ने कहा कि गांव में पक्की सड़क के नहीं होने से बस की समस्या के चलते गांव के छात्रों ने भी अपनी पढ़ाई बंद कर दी है. वहीं मजबूरी में गांव के कुछ बच्चे 7 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जा रहे हैं. इसके अलावा गांव में मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या है. साथ ही बीपीएल परिवारों को सरकार से राशन दिलाने के लिए उन्हें 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है.
बिंदू ने कहा कि लिए मैंने गांव में पक्की सड़क बनवाने का अनुरोध सीएम को ई-मेल भेजकर किया था. इसके अलावा गांव की अन्य समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा था. इस पर सरकार के मुख्य सचिव ने मेल के जवाब में रामपुरा गांव में पक्की सड़क बनाने का वादा किया है. इससे मुझे खुशी है.
वहीं बिंदू की मां लता का कहना है कि सड़क नहीं होने से गांव के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में रास्ते में कीचड़ होने से गांव से बाहर नहीं जा सकते हैं. वहीं गांव में उचित परिवहन नहीं पहुंच पाने से गांव के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि खेती करने के बाद भी हमें फसल और सब्जियों को बाजार में भेजने में भी दिक्कत होती है.