ETV Bharat / bharat

कर्नाटक: प्रेरणास्रोत बने 20 साल से शहद की खेती करने वाले सुधाकर - कर्नाटक में मधुमक्खी पालन

सुधाकर पुजारी को शहद की खेती के बारे में काफी अनुभव. उसके बाद बढ़ती मांग को देखते हुए केपू गांव के सुधाकर पुजारी ने अपना व्यवसाय शुरू करने की सोची. आज ये दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.

Karnataka Farmers venture into Beekeeping
केपू गांव के सुधाकर पुजारी 20 सालों से कर रहे शहद की खेती
author img

By

Published : Dec 7, 2020, 11:43 AM IST

Updated : Dec 7, 2020, 12:55 PM IST

बंतवाल: दक्षिण कर्नाटक के केपू गांव के सुधाकर पूजारी पिछले 20 सालों से मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं. इस शौक ने अब उनके पूरे घर को शहद का खेत बना दिया है.

बता दें, यह एक ऐसे युवक की कहानी है, जो एक ग्रामीण इलाके में पला-बढ़ा है और जिसने मधुमक्खी के छत्ते को बनाने का करियर चुना है. इसके लिए उसने अपने घर में एक छोटी सी यूनिट भी लगाई है. इसके अलावा सुधाकर ने अपने घर के फार्महाउस को भी शहद रोपण क्षेत्र में तब्दील कर दिया है.

बड्डेककोडी सुधाकर ने बताया कि लगभग बीस साल पहले उसने पुट्टूर में एक बागवानी करने वाला के यहां नौकरी की थी. वहां, 18 साल काम करने के बाद दो साल पहले उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू कर दिया है. सुधाकर ने बताया कि उसने अपने घर के पास एक छोटा मधुमक्खी पालन शेड बनाया और वहीं, मधुमक्खी पालन का काम कर रहा हूं.

राज्य के बागवानी विभाग ने भी की मदद

राज्य मे मधुमक्खी पालन सहकारी समितियों और प्राइवेट मधुमक्खी पालन करने वालों की लगातार बढ़ती मांगों को देखते हुए सुधाकर ने अपनी यूनिट का विस्तार किया और नए-नए उपकरणों को भी लगाया. इसके साथ-साथ उसने अपनी यूनिट में मधुमक्खी रिफाइनरी, बॉक्स स्टैंड, कृत्रिम मोम की चादरें, माउथपीस का भी इंतजाम किया है. राज्य के बागवानी विभाग ने भी सुधाकर को मधुमक्खी पालन करने को बढ़ावा दिया. इसके लिए विभाग मधुमक्खी पालन करने वालों को शहद का डिब्बा और अन्य सामान भी दिए. इन सबके साथ ही सुधाकर ने शहद का फॉर्म शुरू किया. बता दें, इस समय सुधाकर के फॉर्महाउस में करीब 400 शहद के बक्से मौजूद हैं.

पत्नी और बेटा भी कर रहा सहयोग

शहद संग्रह के साथ-साथ सुधाकर एक शहद परिवार भी विकसित कर रहे हैं. इसके अलावा वह इसे अन्य किसानों को भी इसे प्रदान कर रहे हैं. उनके इस काम में उनकी पत्नी हरिनाक्षी और बेटा विष्णुथ भी मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: कश्मीर से आगरा का बरसों पुराना नाता, 'प्रेम नगरी' में 'जन्नत' की मिट्टी

दूसरे राज्यों और जिलों के किसान ले रहे प्रेरणा

शहद उत्पादक के रूप में पहचान बनाने वाले सुधाकर से राज्य के बागवानी विभाग ने 2019 में मधुमक्खी विकास कार्यक्रम के तहत शहद की मांग करने लगा. इसके बाद राज्य के दूसरे जिलों बंटवाल, बेल्थांगडी, पुत्तुर के मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों ने भी सुधाकर की शहद यूनिट का दौरा किया. हनी-बॉक्स निर्माता के साथ शुरुआत करने वाले सुधाकर अब शहद की अच्छी तरह से खेती कर रहे हैं. जिले में और जिलों के बाहर भी किसान इनकी शहद के खेत को देखने, जानकारी प्राप्त करने, शहद का डिब्बा और शहद परिवार खरीदने आ रहे हैं.

बंतवाल: दक्षिण कर्नाटक के केपू गांव के सुधाकर पूजारी पिछले 20 सालों से मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं. इस शौक ने अब उनके पूरे घर को शहद का खेत बना दिया है.

बता दें, यह एक ऐसे युवक की कहानी है, जो एक ग्रामीण इलाके में पला-बढ़ा है और जिसने मधुमक्खी के छत्ते को बनाने का करियर चुना है. इसके लिए उसने अपने घर में एक छोटी सी यूनिट भी लगाई है. इसके अलावा सुधाकर ने अपने घर के फार्महाउस को भी शहद रोपण क्षेत्र में तब्दील कर दिया है.

बड्डेककोडी सुधाकर ने बताया कि लगभग बीस साल पहले उसने पुट्टूर में एक बागवानी करने वाला के यहां नौकरी की थी. वहां, 18 साल काम करने के बाद दो साल पहले उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू कर दिया है. सुधाकर ने बताया कि उसने अपने घर के पास एक छोटा मधुमक्खी पालन शेड बनाया और वहीं, मधुमक्खी पालन का काम कर रहा हूं.

राज्य के बागवानी विभाग ने भी की मदद

राज्य मे मधुमक्खी पालन सहकारी समितियों और प्राइवेट मधुमक्खी पालन करने वालों की लगातार बढ़ती मांगों को देखते हुए सुधाकर ने अपनी यूनिट का विस्तार किया और नए-नए उपकरणों को भी लगाया. इसके साथ-साथ उसने अपनी यूनिट में मधुमक्खी रिफाइनरी, बॉक्स स्टैंड, कृत्रिम मोम की चादरें, माउथपीस का भी इंतजाम किया है. राज्य के बागवानी विभाग ने भी सुधाकर को मधुमक्खी पालन करने को बढ़ावा दिया. इसके लिए विभाग मधुमक्खी पालन करने वालों को शहद का डिब्बा और अन्य सामान भी दिए. इन सबके साथ ही सुधाकर ने शहद का फॉर्म शुरू किया. बता दें, इस समय सुधाकर के फॉर्महाउस में करीब 400 शहद के बक्से मौजूद हैं.

पत्नी और बेटा भी कर रहा सहयोग

शहद संग्रह के साथ-साथ सुधाकर एक शहद परिवार भी विकसित कर रहे हैं. इसके अलावा वह इसे अन्य किसानों को भी इसे प्रदान कर रहे हैं. उनके इस काम में उनकी पत्नी हरिनाक्षी और बेटा विष्णुथ भी मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: कश्मीर से आगरा का बरसों पुराना नाता, 'प्रेम नगरी' में 'जन्नत' की मिट्टी

दूसरे राज्यों और जिलों के किसान ले रहे प्रेरणा

शहद उत्पादक के रूप में पहचान बनाने वाले सुधाकर से राज्य के बागवानी विभाग ने 2019 में मधुमक्खी विकास कार्यक्रम के तहत शहद की मांग करने लगा. इसके बाद राज्य के दूसरे जिलों बंटवाल, बेल्थांगडी, पुत्तुर के मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों ने भी सुधाकर की शहद यूनिट का दौरा किया. हनी-बॉक्स निर्माता के साथ शुरुआत करने वाले सुधाकर अब शहद की अच्छी तरह से खेती कर रहे हैं. जिले में और जिलों के बाहर भी किसान इनकी शहद के खेत को देखने, जानकारी प्राप्त करने, शहद का डिब्बा और शहद परिवार खरीदने आ रहे हैं.

Last Updated : Dec 7, 2020, 12:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.