बेंगलुरु : जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया, जिसमें मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का वादा किया गया है. पार्टी ने अपने घोषणापत्र को 'जनता प्रणालिका' (जन घोषणापत्र) का नाम दिया है. जद (एस) ने नंदिनी ब्रांड को बचाने के लिए अमूल को राज्य से 'बाहर निकालने' समेत अन्य वादे किए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी ने निजी क्षेत्र में कन्नाडिगों के लिए नौकरियों को आरक्षित करने वाला कानून लाने का आश्वासन दिया है, साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करने का भी वादा किया गया है. कर्नाटक में चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाले राज्य मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करने और इसे प्रमुख समुदाय वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच समान रूप से बांटने का निर्णय लिया था.
जद (एस) ने अपने घोषणापत्र में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. जेडीएस ने महिलाओं के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की है. पार्टी ने गर्भवती महिलाओं को छह महीने प्रति महीने 6,000 रुपये देने का वादा किया है. इसके साथ ही वादा किया गया है कि महिला स्वयं सहायता समूहों का कर्ज माफ किये जायेंगे. जेडीएस ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार विधवाओं के लिए पेंशन 900 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी जायेगी.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रोजगार को नियमित किया जायेगा और उनके वेतन में 5,000 रुपये बढ़ाने का वादा किया है. इसके साथ ही जेडीएस ने 2015 की जनगणना में पहचान किए गए 36,000 खेतिहर मजदूरों को 2,000 रुपये प्रति माह देने की भी घोषणा की है.जेडीएस ने किसानों को बीज और खाद खरीदने के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ देगी.
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(पीटीआई)