नयी दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद, विपक्षी दलों ने विश्वास व्यक्त किया कि इस चुनाव के परिणाम निश्चित रूप से आगामी 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा की घृणा की राजनीति को हराने की प्रवृत्ति स्थापित करेंगे. पूर्व सांसद और सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक में जीत से निश्चित रूप से विपक्षी दलों का हौसला बढ़ेगा. परिणाम ने दिखा दिया कि लोगों ने भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति को खारिज कर दिया है. '
उन्होंने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दल 2024 के आम चुनाव से पहले एक साथ आएंगे और एक मजबूत विपक्ष बनाएंगे. जनता दल (सेक्युलर) की स्थिति का जिक्र करते हुए मोल्लाह ने कहा कि ऐसी पार्टियां राजनीति में हमेशा से रही हैं. मोल्लाह ने कहा कि यहां तक कि हम ऐसी पार्टियों की उपेक्षा करते हैं, यह एक एकजुट विपक्ष की प्रगति को नहीं रोक सकता है. गौरतलब है कि कम से कम 19 विपक्षी दल हाल ही में एक छतरी के नीचे आ गए हैं और भाजपा को एकजुट लड़ाई देने की कसम खा चुके हैं.
कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस को भी बड़ी बढ़त मिली है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने चुनावी नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कर्नाटक में नफरत का अंत है और राज्य में प्यार का शटर खोल रहा है. गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्नाटक मई नफरत की बाजार बंद हुई है, मुहब्बत की दुकान खुली है.
पढ़ें: Karnataka Election 2023: कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद और मोहब्बत की दुकान खुल गई: राहुल गांधी
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने से कहा कि कर्नाटक की जीत निश्चित रूप से सभी विपक्षी दलों को प्रेरित करेगी. खेड़ा ने कहा कि उम्मीद है कि सभी विपक्षी दल 2024 के आम चुनाव से पहले और उसके दौरान एकजुट रहेंगे. दिलचस्प बात यह है कि आने वाले कुछ महीनों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित चार और राज्यों में मतदान होने हैं.