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karnataka Election : पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की

कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने विधानसभा चुनाव से भाजपा की सदस्य छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने ये फैसला चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिलने के बाद किया. उन्हें उम्मीद थी कि अठानी विधानसभा क्षेत्र के लिए उन्हें टिकट मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब उनकी जगह अठानी से महेश कुमथल्ली चुनाव लड़ेंगे.

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Published : Apr 12, 2023, 1:11 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 3:11 PM IST

बेलगावी : कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. एक दिन पहले ही राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था. मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को बेलगावी जिले की अथानी विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. सावदी अथानी से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में वह कुमथल्ली (तब कांग्रेस में) से हार गए थे.

भाजपा विधान पार्षद (एमएलसी) सावदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भाजपा नेताओं ने अंतिम चरण में मुझे टिकट से वंचित कर दिया. इससे मुझे बहुत दुख हुआ है. मैंने निश्चित रूप से एक निर्णय लिया है. मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है." उन्होंने कहा कि वह गुरुवार शाम को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर 'कड़ा निर्णय' लेंगे. अंतिम फैसला कल शाम पांच बजे किया जाएगा और शुक्रवार से काम शुरू कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा, "मैं सीएम बोम्मई से नाराज नहीं हूं. उन्हें सफलता मिलती रहे. मैं चाहता हूं कि वह इस देश के प्रधानमंत्री बनें." सावदी भावुक होकर बोले, "मैं जहां भी और जैसे भी हूं, मेरे पास एक गुरु हैं. मैं उनका नाम नहीं बताना चाहता. वह मेरे लिए शिक्षक के समान हैं. उनके प्रति अपार श्रद्धा भाव है. वह थाली में जहर देंगे तो भी मैं पी लूंगा. मैंने अपने फैसले के लिए उनसे माफी मांगी है."

किसी भी नेता से समर्थन नहीं मिलने की बात पर लक्ष्मण सावदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे राज्य में जहां भी रहे हमारे मित्र ही रहेंगे. उन्हीं मित्रों का कहना है कि लक्ष्मण सावदी पौधे की वह बेकार जड़ है, जिससे पौधे को कोई फायदा नहीं होता है." उन्होंने कहा कि राज्य में रमेश जरकीहोली का दबदबा है. रमेश जराकीहोली को और ताकत मिले. जरकीहोली दोस्तों को टिकट दिलाने में सफल रहे. वो ही अगले सीएम के दावेदार होंगे. उन्होंने यह भी कहा, "अगर मैंने 20 साल के दौरान भाजपा में कोई गलती की, तो मुझे उसके लिए खेद है."

टिकट गंवाने के बाद लक्ष्मण सावदी काफी परेशान हैं. बताया जा रहा है कि हाईकमान के फैसले से भावुक होकर सावदी ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. ऐसी अटकलें हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इधर, कांग्रेस नेता राजू कागे ने मंगलवार सुबह अठानी स्थित आवास पर लक्ष्मण सावदी से मुलाकात की. सावदी के पार्टी छोड़ने पर विचार करने की अटकलों के बीच दोनों नेताओं की इस मुलाकात से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है.

राजू कागे और लक्ष्मण सावदी पिछले 20 सालों से अच्छे दोस्त हैं. राजू कागे को कागवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है. चूंकि, उन्हें अपने दोस्त के लिए टिकट नहीं मिला, इसलिए वह उनके आवास पर गए है, लेकिन यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कागे ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का सावदी को प्रस्ताव दिया होगा. इस बीच, भाजपा ने कल रात घोषित उम्मीदवारों की सूची में अठानी निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली के लिए टिकट की घोषणा की. उनकी ओर से पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली ने पैरवी की है. बता दें कि कुमथल्ली उन बागियों के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) (जद-एस) गठबंधन की सरकार को गिराने और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने में भाजपा की मदद की थी.

(इनपुट-भाषा)

बेलगावी : कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. एक दिन पहले ही राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था. मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को बेलगावी जिले की अथानी विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. सावदी अथानी से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में वह कुमथल्ली (तब कांग्रेस में) से हार गए थे.

भाजपा विधान पार्षद (एमएलसी) सावदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भाजपा नेताओं ने अंतिम चरण में मुझे टिकट से वंचित कर दिया. इससे मुझे बहुत दुख हुआ है. मैंने निश्चित रूप से एक निर्णय लिया है. मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है." उन्होंने कहा कि वह गुरुवार शाम को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर 'कड़ा निर्णय' लेंगे. अंतिम फैसला कल शाम पांच बजे किया जाएगा और शुक्रवार से काम शुरू कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा, "मैं सीएम बोम्मई से नाराज नहीं हूं. उन्हें सफलता मिलती रहे. मैं चाहता हूं कि वह इस देश के प्रधानमंत्री बनें." सावदी भावुक होकर बोले, "मैं जहां भी और जैसे भी हूं, मेरे पास एक गुरु हैं. मैं उनका नाम नहीं बताना चाहता. वह मेरे लिए शिक्षक के समान हैं. उनके प्रति अपार श्रद्धा भाव है. वह थाली में जहर देंगे तो भी मैं पी लूंगा. मैंने अपने फैसले के लिए उनसे माफी मांगी है."

किसी भी नेता से समर्थन नहीं मिलने की बात पर लक्ष्मण सावदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे राज्य में जहां भी रहे हमारे मित्र ही रहेंगे. उन्हीं मित्रों का कहना है कि लक्ष्मण सावदी पौधे की वह बेकार जड़ है, जिससे पौधे को कोई फायदा नहीं होता है." उन्होंने कहा कि राज्य में रमेश जरकीहोली का दबदबा है. रमेश जराकीहोली को और ताकत मिले. जरकीहोली दोस्तों को टिकट दिलाने में सफल रहे. वो ही अगले सीएम के दावेदार होंगे. उन्होंने यह भी कहा, "अगर मैंने 20 साल के दौरान भाजपा में कोई गलती की, तो मुझे उसके लिए खेद है."

टिकट गंवाने के बाद लक्ष्मण सावदी काफी परेशान हैं. बताया जा रहा है कि हाईकमान के फैसले से भावुक होकर सावदी ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. ऐसी अटकलें हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इधर, कांग्रेस नेता राजू कागे ने मंगलवार सुबह अठानी स्थित आवास पर लक्ष्मण सावदी से मुलाकात की. सावदी के पार्टी छोड़ने पर विचार करने की अटकलों के बीच दोनों नेताओं की इस मुलाकात से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है.

राजू कागे और लक्ष्मण सावदी पिछले 20 सालों से अच्छे दोस्त हैं. राजू कागे को कागवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है. चूंकि, उन्हें अपने दोस्त के लिए टिकट नहीं मिला, इसलिए वह उनके आवास पर गए है, लेकिन यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कागे ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का सावदी को प्रस्ताव दिया होगा. इस बीच, भाजपा ने कल रात घोषित उम्मीदवारों की सूची में अठानी निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली के लिए टिकट की घोषणा की. उनकी ओर से पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली ने पैरवी की है. बता दें कि कुमथल्ली उन बागियों के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) (जद-एस) गठबंधन की सरकार को गिराने और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने में भाजपा की मदद की थी.

(इनपुट-भाषा)

Last Updated : Apr 12, 2023, 3:11 PM IST
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