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सिद्धरमैया पर लिखी किताब पर घमासान : कोर्ट के आदेश के बाद रुका विमोचन

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Published : Jan 9, 2023, 5:00 PM IST

कर्नाटक में कांग्रेस नेता सिद्धरमैया पर लिखी गई एक किताब को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है (Karnataka Congress files police complaint). भाजपा और कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इस बीच कोर्ट के दखल के बाद विमोचन कार्यक्रम टाल दिया गया. वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा कि चुनाव से पहले अपमानित करने के इरादे से ये किताब लिखी गई है.

Karnataka Congress files police complaint
सिद्धरमैया पर किताब

बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस ने एक किताब के विमोचन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है (Karnataka Congress files police complaint). किताब में कथित रूप से विपक्ष के नेता सिद्धरमैया पर अपमानजनक, काल्पनिक और भड़काऊ लेख हैं. पार्टी ने मांग की है कि पुलिस को 'सिद्दू निजा कनसुगालु' नामक पुस्तक का विमोचन रोकना चाहिए. यही नहीं मामला कोर्ट में भी पहुंचा. सिद्धारमैया के बेटे और विधायक डॉ यतींद्र सिद्धारमैया ने पुस्तक पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका दायर की. इसके बाद बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने किताब के विमोचन पर रोक लगा दी (Karnataka court stays release of book). दोपहर तीन बजे होने वाले कार्यक्रम से कुछ मिनट पहले कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया.

राज्य कांग्रेस लीगल सेल के महासचिव सूर्या मुकुंदराज ने कहा कि किताब के कवर पेज पर सिद्धरमैया की विकृत छवि भी है. उन्होंने आगे कहा कि आमंत्रित लोगों का सोशल मीडिया पर झूठे मैसेज डालने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए एक विशेष समुदाय को लक्षित करने का ट्रैक रिकॉर्ड है.

सूर्या मुकुंदराज ने कहा, इस बार भी सिद्धरमैया को एक निश्चित तरीके से पेश कर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का इरादा है, जिससे समाज में सांप्रदायिक अशांति पैदा होती है.

यदि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी गई तो इसे वापस लिया जाना चाहिए और आयोजकों को पुस्तक विमोचन कार्यक्रम रद्द करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. बेंगलुरु के एस.जे. पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है.

सिद्धरमैया आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अपने तीखे हमलों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने मोदी के सामने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तुलना एक 'पिल्ले' से की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था. बाद में, उन्होंने अपने बयान का बचाव किया और चुटकी ली कि उन्होंने जो कहा वह सही था और वह बोम्मई की तुलना शेर या बाघ से नहीं कर सकते.

सिद्धरमैया बोले- मुझे अपमानित करने के पीछे भाजपा : वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनके बारे में लिखी गई किताब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अपमानित करने के इरादे से लिखी गई है और उन्होंने इसे 'पूरी तरह मानहानिकारक' करार दिया. विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, किताब में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कथित कुशासन और उनकी 'तुष्टिकरण की राजनीति' पर लिखा गया है. यह कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल से जुड़े कुछ विवादास्पद और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों और घटनाओं को भी उजागर करता है.

उन्होंने कहा, 'जानबूझकर चुनाव से पहले मुझे अपमानित करने के लिए, वे एक किताब ला रहे हैं. यह पूरी तरह से अपमानजनक है. मैं देखूंगा कि कानूनी रूप से क्या किया जाना है.'

वहीं इस पूरे मामले को लेकर आज, कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और कुरुबा समुदाय के नेताओं ने टाउन हॉल के सामने एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया और पुस्तक के विमोचन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया.

पढ़ें- सिद्धरमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को 'पिल्ला' कहा, बोम्मई ने खुद को जनता के प्रति वफादार बताया

आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द किया: अदालत के आदेश के मद्देनजर आयोजकों ने पुस्तक का विमोचन समारोह रद्द कर दिया. यह घोषणा की गई है कि कानून के माध्यम से काम जारी करने का प्रयास किया जाएगा. आयोजकों की ओर से कहा गया कि 'कानून का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. हम अदालत में जाएंगे और पुस्तक को फिर से जारी करने का प्रयास करेंगे.'

बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस ने एक किताब के विमोचन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है (Karnataka Congress files police complaint). किताब में कथित रूप से विपक्ष के नेता सिद्धरमैया पर अपमानजनक, काल्पनिक और भड़काऊ लेख हैं. पार्टी ने मांग की है कि पुलिस को 'सिद्दू निजा कनसुगालु' नामक पुस्तक का विमोचन रोकना चाहिए. यही नहीं मामला कोर्ट में भी पहुंचा. सिद्धारमैया के बेटे और विधायक डॉ यतींद्र सिद्धारमैया ने पुस्तक पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका दायर की. इसके बाद बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने किताब के विमोचन पर रोक लगा दी (Karnataka court stays release of book). दोपहर तीन बजे होने वाले कार्यक्रम से कुछ मिनट पहले कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया.

राज्य कांग्रेस लीगल सेल के महासचिव सूर्या मुकुंदराज ने कहा कि किताब के कवर पेज पर सिद्धरमैया की विकृत छवि भी है. उन्होंने आगे कहा कि आमंत्रित लोगों का सोशल मीडिया पर झूठे मैसेज डालने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए एक विशेष समुदाय को लक्षित करने का ट्रैक रिकॉर्ड है.

सूर्या मुकुंदराज ने कहा, इस बार भी सिद्धरमैया को एक निश्चित तरीके से पेश कर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का इरादा है, जिससे समाज में सांप्रदायिक अशांति पैदा होती है.

यदि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी गई तो इसे वापस लिया जाना चाहिए और आयोजकों को पुस्तक विमोचन कार्यक्रम रद्द करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. बेंगलुरु के एस.जे. पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है.

सिद्धरमैया आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अपने तीखे हमलों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने मोदी के सामने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तुलना एक 'पिल्ले' से की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था. बाद में, उन्होंने अपने बयान का बचाव किया और चुटकी ली कि उन्होंने जो कहा वह सही था और वह बोम्मई की तुलना शेर या बाघ से नहीं कर सकते.

सिद्धरमैया बोले- मुझे अपमानित करने के पीछे भाजपा : वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनके बारे में लिखी गई किताब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अपमानित करने के इरादे से लिखी गई है और उन्होंने इसे 'पूरी तरह मानहानिकारक' करार दिया. विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, किताब में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कथित कुशासन और उनकी 'तुष्टिकरण की राजनीति' पर लिखा गया है. यह कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल से जुड़े कुछ विवादास्पद और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों और घटनाओं को भी उजागर करता है.

उन्होंने कहा, 'जानबूझकर चुनाव से पहले मुझे अपमानित करने के लिए, वे एक किताब ला रहे हैं. यह पूरी तरह से अपमानजनक है. मैं देखूंगा कि कानूनी रूप से क्या किया जाना है.'

वहीं इस पूरे मामले को लेकर आज, कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और कुरुबा समुदाय के नेताओं ने टाउन हॉल के सामने एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया और पुस्तक के विमोचन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया.

पढ़ें- सिद्धरमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को 'पिल्ला' कहा, बोम्मई ने खुद को जनता के प्रति वफादार बताया

आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द किया: अदालत के आदेश के मद्देनजर आयोजकों ने पुस्तक का विमोचन समारोह रद्द कर दिया. यह घोषणा की गई है कि कानून के माध्यम से काम जारी करने का प्रयास किया जाएगा. आयोजकों की ओर से कहा गया कि 'कानून का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. हम अदालत में जाएंगे और पुस्तक को फिर से जारी करने का प्रयास करेंगे.'

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