नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka CM BS Yediyurappa), उनके बेटे, रिश्तेदारों और एक मंत्री के खिलाफ एक आवासीय परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से जुड़ी निजी शिकायत को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया हैं कि इसकी वैध मंजूरी नहीं हुई है.
कार्यकर्ता टीजे अब्राहम (Activist TJ Abraham) ने येदियुरप्पा, उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र, उनके दामाद वी. यमाकनामराडी समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शिकायत दायर की थी. उन्होंने बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना में भ्रष्टाचार और उसमें उनकी 'संलिप्तता' के आरोप लगाए थे.
उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988, आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध का 'संज्ञान ले' या किसी एजेंसी को निर्देश दे कि प्राथमिकी दर्ज करे और जांच करे. लेकिन अदालत ने कहा कि वैध मंजूरियों के बगैर निजी शिकायत पर सुनवाई नहीं हो सकती और इसलिए इसे खारिज किया जाता है.
एंटी ग्राफ्ट और इनवायरनमेंटल फोरम (Anti Graft and Environmental Forum) के अध्यक्ष अब्राहम ने याचिका खारिज होने के पीछे बड़ी साजिश बताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला कर्नाटक के राज्यपाल के कार्यालय और मुख्यमंत्री के कार्यालय से जुड़ा था.
नई दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए, अब्राहम ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को विशेष अदालत द्वारा इस मामले को गलत तरीके से हैंडल करने के बारे में लिखेंगे और सीबीआई द्वारा आगे की जांच की मांग करेंगे.
उन्होंने कहा कि वह पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और जरूरत पड़ने पर सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे.
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अब्राहम ने कहा कि उनके पास येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपने दावे का समर्थन करने वाले सभी पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कहा कि भारी मात्रा में धन का अवैध रूप से लेन-देन किया गया और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से कोलकाता भेजा गया. ये फर्म कथित तौर पर येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व में थीं.