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कर्नाटक के सीएम बसवराज ने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया से पूछा, वह आर्य हैं या द्रविड़ ?

कर्नाटक में टेक्स्ट बुक रिविजन कमेटी को लेकर शुरू हुआ विवाद में पक्ष-विपक्ष आमने सामने है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस विवाद को आरएसएस, आर्य और द्रविड़ मुद्दे से जोड़ दिया. उनके सवालों का सीएम बसवराज बोम्मई ने जवाब दिया है. सीएम ने कहा कि कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को बताना चाहिए कि वह आर्य हैं या द्रविड़.

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Published : May 28, 2022, 5:22 PM IST

बेंगलुरू : कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यपुस्तक में संशोधन को लेकर बनाई गई टेक्स्ट बुक रिविजन कमेटी को लेकर विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. विपक्षी दल भाजपा पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगा रहा है. शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगवार के भाषण को टेक्स्ट बुक में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी. सिद्धारमैया ने आरएसएस पर सवाल उठाते हुए इसे आर्य और द्रविड़ मुद्दे से जोड़ दिया था. आरएसएस पर किए गए हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि वह आर्य हैं या द्रविड़ ? उन्होंने दोहराया कि सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कहां से आए हैं? उन्होंने कहा कि मुगलों के 600 साल के शासन के लिए कौन जिम्मेदार है? यदि भारतीय एकजुट रहे, तो क्या यह संभव था वे हम पर शासन करें? गौरतलब ने सिद्धारमैया ने शुक्रवार को पूछा था कि क्या आरएसएस के लोग भारत के मूल निवासी हैं? क्या आर्य इस देश के मूल निवासी हैं? यह द्रविड़ हैं जो मूल रूप से इस देश के हैं.

सीएम बसवराज बोम्मई ने एक बार फिर स्पष्ट किया किया कि हिजाब पर विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है. अदालत ने अपना फैसला दिया है. सभी को अदालत के आदेशों का पालन करना चाहिए, 99.9 फीसदी छात्र अदालत के आदेशों का पालन कर रहे हैं. सीएम ने मेंगलुरु यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की ओर से हिजाब पर लिए गए फैसले का समर्थन किया. मेंगलुरु यूनिवर्सिटी ने हिजाब पहनने पर रोक लगा दी है, जिसका मुस्लिम छात्राएं विरोध कर रही हैं. सीएम ने कहा कि मैनेजमेंट और प्रशासनिक अधिकारियों के निर्णयों का पालन किया जाना चाहिए. सिंडिकेट को भी कोर्ट के आदेश का पालन करना होता है. छात्रों को हिजाब के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. सीएम बोम्मई ने कन्नडिगाओं पर हमला करने के लिए महाराष्ट्र एकीकरण समिति के सदस्यों को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर वे कानून अपने हाथ में ले रहे हैं तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर कन्नडिगा को परेशानी होगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे. रोहित चक्रतीर्थ को पाठ्यपुस्तक पुनरीक्षण समिति से हटाने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम कहा कि वह इस संबंध में शिक्षा मंत्री से इनपुट प्राप्त करेंगे और निर्णय लेंगे.

बेंगलुरू : कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यपुस्तक में संशोधन को लेकर बनाई गई टेक्स्ट बुक रिविजन कमेटी को लेकर विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. विपक्षी दल भाजपा पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगा रहा है. शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगवार के भाषण को टेक्स्ट बुक में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी. सिद्धारमैया ने आरएसएस पर सवाल उठाते हुए इसे आर्य और द्रविड़ मुद्दे से जोड़ दिया था. आरएसएस पर किए गए हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि वह आर्य हैं या द्रविड़ ? उन्होंने दोहराया कि सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कहां से आए हैं? उन्होंने कहा कि मुगलों के 600 साल के शासन के लिए कौन जिम्मेदार है? यदि भारतीय एकजुट रहे, तो क्या यह संभव था वे हम पर शासन करें? गौरतलब ने सिद्धारमैया ने शुक्रवार को पूछा था कि क्या आरएसएस के लोग भारत के मूल निवासी हैं? क्या आर्य इस देश के मूल निवासी हैं? यह द्रविड़ हैं जो मूल रूप से इस देश के हैं.

सीएम बसवराज बोम्मई ने एक बार फिर स्पष्ट किया किया कि हिजाब पर विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है. अदालत ने अपना फैसला दिया है. सभी को अदालत के आदेशों का पालन करना चाहिए, 99.9 फीसदी छात्र अदालत के आदेशों का पालन कर रहे हैं. सीएम ने मेंगलुरु यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की ओर से हिजाब पर लिए गए फैसले का समर्थन किया. मेंगलुरु यूनिवर्सिटी ने हिजाब पहनने पर रोक लगा दी है, जिसका मुस्लिम छात्राएं विरोध कर रही हैं. सीएम ने कहा कि मैनेजमेंट और प्रशासनिक अधिकारियों के निर्णयों का पालन किया जाना चाहिए. सिंडिकेट को भी कोर्ट के आदेश का पालन करना होता है. छात्रों को हिजाब के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. सीएम बोम्मई ने कन्नडिगाओं पर हमला करने के लिए महाराष्ट्र एकीकरण समिति के सदस्यों को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर वे कानून अपने हाथ में ले रहे हैं तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर कन्नडिगा को परेशानी होगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे. रोहित चक्रतीर्थ को पाठ्यपुस्तक पुनरीक्षण समिति से हटाने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम कहा कि वह इस संबंध में शिक्षा मंत्री से इनपुट प्राप्त करेंगे और निर्णय लेंगे.

(आईएएनएस)

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