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कर्नाटक के मंत्री का महिलाओं की जिंदगी पर अजीब दावा, भाजपा नेता ने कहा- ऐसा नहीं है

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डा. के सुधाकर ने महिलाओं पर टिप्पणी करते हुए दावा किया कि आधुनिक भारत की महिलाएं अकेले रहना चाहती हैं. शादी के बाद बच्चों को जन्म देना नहीं चाहतीं. मंत्री के बयान पर भाजपा महासचिव सीटी रवि ने पलटवार किया है और कहा कि हर महिला ऐसी नहीं होती.

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Published : Oct 11, 2021, 4:36 PM IST

बेंगलुरू : कर्नाटक के मंत्री के सुधाकर द्वारा महिलाओं पर दिए गए बयान के बाद भाजपा महासचिव नेता सीटी रवि इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है. भाजपा महासचिव रवि ने ट्विट किया कि हर महिला ऐसी नहीं होती. भारत में पाश्चात्य प्रभाव और छोटे परिवार की ख्वाहिश के कारण ऐसा हो रहा है. हमें अभी भी यूएसए और यूके जैसे देशों के विपरीत परिवार में विश्वास है.

  • #WATCH | Every woman is not like this... It is happening because of western influence and micro families. In India, we still have faith in family unlike countries such as USA & UK: BJP General Secretary leader CT Ravi on Karnataka Minister K Sudhakar's statement on women pic.twitter.com/JppXi4yaUo

    — ANI (@ANI) October 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डा. के सुधाकर ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आधुनिक भारत की महिलाएं अकेले रहना चाहती हैं. शादी के बाद भी बच्चों को जन्म देना नहीं चाहतीं और सरोगेसी से बच्चे चाहती हैं.

उन्होंने कहा था कि मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है, भारत में ज्यादातर आधुनिक महिलाएं अविवाहित रहना चाहती हैं. इस तरह हमारी सोच में बदलाव आ रहा है जो ठीक नहीं है. भारतीय समाज पर पश्चिमी प्रभाव पर दुख जताते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आजकल के बच्चे अपने माता-पिता को साथ नहीं रखना चाहते हैं.

उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से हम पश्चिमी रास्ते पर जा रहे हैं. हम नहीं चाहते हैं कि हमारे माता-पिता हमारे साथ रहें. दादा-दादी को साथ रखने की बात तो भूल जाएं. मानसिक स्वास्थ्य के बारे में उन्होंने कहा कि हर सातवां भारतीय किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है.

  • #WATCH | ...Today we don't want our parents to live with us. A lot of modern women in India want to stay single. Even if they get married, don't want to give birth. Paradigm shift in our thinking,it's not good: Karnataka Health Min on World Mental Health Day,at NIMHANS, Bengaluru pic.twitter.com/LkX7Ab7Sks

    — ANI (@ANI) October 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें-लॉकडाउन के बाद आपको चिंता महसूस क्यों हो सकती है, इससे कैसे उबरें

यह समस्या हल्की, मध्यम या गंभीर हो सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि तनाव को दूर रखना एक कला है और भारतीयों को इसके बारे में सीखने की आवश्यकता नहीं बल्कि दुनिया को यह बताने की है कि इसे कैसे किया जाए.

बेंगलुरू : कर्नाटक के मंत्री के सुधाकर द्वारा महिलाओं पर दिए गए बयान के बाद भाजपा महासचिव नेता सीटी रवि इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है. भाजपा महासचिव रवि ने ट्विट किया कि हर महिला ऐसी नहीं होती. भारत में पाश्चात्य प्रभाव और छोटे परिवार की ख्वाहिश के कारण ऐसा हो रहा है. हमें अभी भी यूएसए और यूके जैसे देशों के विपरीत परिवार में विश्वास है.

  • #WATCH | Every woman is not like this... It is happening because of western influence and micro families. In India, we still have faith in family unlike countries such as USA & UK: BJP General Secretary leader CT Ravi on Karnataka Minister K Sudhakar's statement on women pic.twitter.com/JppXi4yaUo

    — ANI (@ANI) October 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डा. के सुधाकर ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आधुनिक भारत की महिलाएं अकेले रहना चाहती हैं. शादी के बाद भी बच्चों को जन्म देना नहीं चाहतीं और सरोगेसी से बच्चे चाहती हैं.

उन्होंने कहा था कि मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है, भारत में ज्यादातर आधुनिक महिलाएं अविवाहित रहना चाहती हैं. इस तरह हमारी सोच में बदलाव आ रहा है जो ठीक नहीं है. भारतीय समाज पर पश्चिमी प्रभाव पर दुख जताते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आजकल के बच्चे अपने माता-पिता को साथ नहीं रखना चाहते हैं.

उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से हम पश्चिमी रास्ते पर जा रहे हैं. हम नहीं चाहते हैं कि हमारे माता-पिता हमारे साथ रहें. दादा-दादी को साथ रखने की बात तो भूल जाएं. मानसिक स्वास्थ्य के बारे में उन्होंने कहा कि हर सातवां भारतीय किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है.

  • #WATCH | ...Today we don't want our parents to live with us. A lot of modern women in India want to stay single. Even if they get married, don't want to give birth. Paradigm shift in our thinking,it's not good: Karnataka Health Min on World Mental Health Day,at NIMHANS, Bengaluru pic.twitter.com/LkX7Ab7Sks

    — ANI (@ANI) October 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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यह समस्या हल्की, मध्यम या गंभीर हो सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि तनाव को दूर रखना एक कला है और भारतीयों को इसके बारे में सीखने की आवश्यकता नहीं बल्कि दुनिया को यह बताने की है कि इसे कैसे किया जाए.

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