बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बीच गुरुवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Karnataka Assembly Passes Anti-Conversion Bill) पारित कर दिया है. कर्नाटक कैबिनेट ने 20 दिसंबर को धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंजूरी दी थी. मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने विधानसभा में बिल को पेश किया था.
बिल को सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया था. यहां तक कि कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने धर्मांतरण विरोधी बिल की कॉपी सदन में फाड़ दी थी. जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया था. कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को धर्मांतरण बिल पर चर्चा हुई थी.
कांग्रेस शुरू से ही बिल का विरोध कर रही थी. नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि हम बिल के विरोध में हैं क्योंकि यह लोगों के मौलिक अधिकारों और संविधान का उल्लंघन करता है.
बताया जाता है कि विधेयक में धर्मांतरण को लेकर दंडनीय प्रावधान किए गए हैं और इस पर भी जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास एक आवेदन देना होगा.
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