बेंगलुरु: आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए, बीजेपी उसी रणनीति को अपनाने की कोशिश कर रही है, जो उसने गुजरात चुनावों के दौरान किया था. गुजरात चुनाव में जैसे उसने अपने पार्टी के बड़े और दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा था, ठीक वैसे ही यहां भी चुनावी रणनीति तैयार की जा रही है. बीजेपी सूत्रों ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि पार्टी ने केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों सहित विभिन्न राज्यों के 50-60 नेताओं को कर्नाटक चुनाव प्रचार का प्रभार दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और राज्य चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच एक बैठक हुई. बैठक में पार्टी नेताओं को राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने को कहा गया.
बैठक में शामिल कुछ प्रमुख नामों में केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी, सांसद निशिकांत दुबे, रमेश बिधूड़ी, संजय भाटिया, बिहार के विधायक संजीव चौरसिया, यूपी के विधायक सतीश द्विवेदी और आंध्र प्रदेश के नेता पी सुधाकर रेड्डी शामिल थे, जिन्हें कई चुनावों में प्रबंधन का अनुभव है. पार्टी ने ध्यान केंद्रित करने के लिए 224 मजबूत विधानसभा क्षेत्रों में से 115 की पहचान की है. हर नेता को 2-3 सीटों की जिम्मेदारी दी गई है और कठिन सीटों पर पार्टी की संभावना बढ़ाने को कहा गया है. कर्नाटक एकमात्र दक्षिणी राज्य है जहां भाजपा सत्ता में है.
पार्टी ने अनुभवी लिंगायत दिग्गज बीएस येदियुरप्पा के स्थान पर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर राज्य में सत्ता परिवर्तन भी किया था. सूत्रों के अनुसार, भाजपा तब से राज्य के आगामी चुनावों में सत्ताधारी पार्टी के फैसले के उलटे असर को लेकर चिंतित है. राज्य में 224 विधानसभा सीटों के लिए 10 मई को मतदान होगा. 2018 के चुनावों में, बीजेपी ने 121 सीटें जीती थीं, जबकि गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और जेडीएस ने क्रमशः 70 और 30 सीटें हासिल की थी.
चुनाव आयोग ने 29 मार्च को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मतदान 10 मई को एक चरण में होगा और वोटों की गिनती 13 मई को की जाएगी.
-एएनआई
यह भी पढ़ें: Congress Files : भाजपा ने शुरू किया वीडियो कैंपेन, कांग्रेस का 'भ्रष्टाचार' किया उजागर