नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने रविवार को कहा कि पिछले हफ्तों में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्यूलर) दोनों के 45 से अधिक नेताओं का शामिल होना इस बात का संकेत है कि कर्नाटक में हवा किस तरफ बह रही है. दक्षिणी राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 10 मई को होगा और उसके नतीजे 13 मई को आएंगे. राज्य के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा और जद-एस के नेताओं की ओर से कांग्रेस में शामिल होने की भारी मांग है.
उन्होंने आगे कहा कि हम चयनात्मक हो रहे हैं और केवल उन लोगों को ले रहे हैं जो कांग्रेस के मूल्यों को साझा करते हैं और हमारी नीतियों के साथ चलेंगे. इनमें से कुछ नेताओं को टिकट मिलेगा और कुछ पार्टी के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक में रुझान दिखाता है. हाल के अधिकांश सर्वेक्षणों से पता चला है कि कांग्रेस के पास बढ़त है और वह आराम से सरकार बनाएगी. भाजपा कैडर में अशांति और निराशा के कारण हमारी बढ़त बढ़ने वाली है.
राठौर ने कहा कि मैंगलोर और बेलगाम से बीजेपी के कई नेता कांग्रेस में शामिल होने की कतार में हैं. कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ के अनुसार, पिछले हफ्तों में 45 नेता, जिनमें भाजपा के 23, जद-एस के 19 और 3 निर्दलीय शामिल हैं, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं. प्रोफेसर वल्लभ ने कहा कि इनमें से 6 विधायक हैं, जिनमें बीजेपी का 1, जेडी-एस के 3 और 2 निर्दलीय हैं. 2 एमएलसी में दोनों बीजेपी के हैं.
पूर्व विधायकों में 4 बीजेपी के और 7 जेडी-एस के हैं. पूर्व एमएलसी में 1 बीजेपी से और 4 जेडी-एस से हैं. कांग्रेस में शामिल होने वाले एक पूर्व सांसद भाजपा से हैं. इन सांसदों के अलावा, दोनों प्रतिद्वंद्वी दलों के 20 अन्य वरिष्ठ नेता भी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. कांग्रेस में शामिल होने वाले नवीनतम भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार भी इसी राह का अनुसरण कर सकते हैं.
टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में चल रही खींचतान का जिक्र करते हुए प्रो. वल्लभ ने कहा कि जहां कांग्रेस चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को टिकट दे रही है, वहीं भाजपा उन उम्मीदवारों को भी टिकट दे रही है जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद से जब पार्टी के लगभग 17 उम्मीदवारों के पेंडेंसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम अधिक भाजपा और जद-एस नेताओं की उम्मीद कर रहे हैं. बीजेपी में जबरदस्त अंदरूनी कलह है.
कांग्रेस के तीनों नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार में भ्रष्टाचार कर्नाटक के मतदाताओं को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा मुद्दा है. राठौड़ ने कहा कि उनका एक मंत्री रिश्वत लेते पकड़ा गया था. ठेकेदार संघ ने सभी सरकारी ठेकों के लिए 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया. लोगों ने अपना मन बना लिया है. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जद (एस) की भाजपा से मिलीभगत है.
राठौड़ ने कहा कि जद-एस भाजपा की बी टीम है. भाजपा ने राज्यों में कांग्रेस के वोटों को विभाजित करने के लिए जेडी-एस, आप और एआईएमआईएम जैसी पार्टियों को प्रोत्साहित किया है. उन्होंने आगे कहा कि 2018 में, हमने जेडी-एस का समर्थन किया, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि बीजेपी सत्ता में आए. लेकिन भाजपा 2019 में ऑपरेशन लोटस के माध्यम से सत्ता में वापस आई, जब उन्होंने एक निर्वाचित जद-एस-कांग्रेस सरकार को गिरा दिया. वे संविधान को महत्व नहीं देते हैं.