बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान की तिथि के पास आने के साथ ही कई तरह ही घोषणाएं की गई हैं. इसी क्रम में कांग्रेस के द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी बीच विहिप और बजरंग दल ने गुरुवार शाम को सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया है. वहीं भाजपा नेताओं ने ऐलान किया है कि वे हनुमान चालीस का पाठ करेंगे.
विश्व हिंदू परिषद ने सभी कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य का आह्वान किया है कि वे हमारे राज्य भर में धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए और हिंदू धर्म की जीत के लिए संकल्प लें और पूरे राज्य में हनुमान चालीसा कार्यक्रम शाम 7 बजे आयोजित करें. इससे पहले दिन में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस नेताओं को इस कार्यक्रम में शामिल होने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, आज शाम पूरे कर्नाटक में, सभी क्षेत्रों में, हम जनता के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, जिन्होंने बीजेपी नेताओं पर हनुमान चालीसा नहीं जानने का आरोप लगाया था, उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए.
मंत्री ने कहा, मैंने उनकी चुनौती स्वीकार कर ली है. मैं बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में एक मंदिर में कार्यक्रम में भाग ले रहा हूं. उन्हें कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए. लोगों ने रणदीप सिंह सुरजेवाला के बचकाने और हिंदू विरोधी बयानों को देखा है. वह नहीं जानते कि भगवान हनुमान के माता-पिता कौन हैं. उन्होंने गलत बोला है.
उन्होंने इस तथ्य पर विवाद किया कि कर्नाटक भगवान हनुमान का जन्मस्थान है. शोभा ने भाजपा सरकार द्वारा जन्म स्थान मानी जाने वाली अंजनाद्री हिल्स के विकास पर सवाल उठाया. शोभा ने कहा, हिंदू बहुत सहिष्णु हैं, आपने उनकी धार्मिक भावनाओं को हल्के में लिया है.
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा है कि हम दिन में दो बार हनुमान चालीसा सुनते हैं. वे इसे आज ही कर रहे हैं. हमारे धर्मों का अभ्यास राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता. यह अनुष्ठान दिल से आता है. यही कारण है कि हम प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. लेकिन वे इसे राजनीतिक कारणों से करते हैं, इसलिए उन्होंने आज नारेबाजी शुरू कर दी है. मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रकार वे जानबूझकर एक भावनात्मक मुद्दा उठाते हैं. कर्नाटक के लोगों को भाजपा के झूठ और हकीकत में फर्क करना चाहिए. इस चुनाव में राज्य के भविष्य पर विचार किया जाना चाहिए. भाजपा ने महंगाई के जरिए प्रदेश की जनता की आर्थिक कमर तोड़ दी है. मूल्य वृद्धि के कारण प्रति परिवार लागत में वृद्धि हुई है.
ये भी पढ़ें - Karnataka Assembly Election 2023 : बीजेपी नेता ईश्वरप्पा ने कांग्रेस का घोषणा पत्र जलाया, खड़गे बोले- यह जनता का अपमान