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किसान महापंचायत : करनाल में लगाई गई धारा 144, इंटरनेट सेवाएं होंगी बंद

किसानों द्वारा सरकार को दिया गया 6 सितम्बर तक का अल्टीमेटम (Ultimatum to Government) खत्म होने वाला है. ऐसे में मंगलवार को करनाल में किसान महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) तय मानी जा रही है. इसमें किसानों से पहुंचने के लिए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने वीडियो जारी कर समर्थकों से अपील की है.

हरियाणा
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Published : Sep 6, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 7:47 PM IST

करनाल : पिछले दिनों हरियाणा के करनाल में हुई लाठीचार्ज (Kisan Lathi Charge) और किसान की मौत के बाद से ही सरकार और किसान आमने-सामने हैं. किसानों द्वारा सरकार को दिया गया अल्टीमेटम (Ultimatum to Government) आज पूरा हो रहा है. इसके बाद 7 सितम्बर यानी मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) किसानों के साथ मिलकर करनाल में महापंचायत (Karnal Mahapanchayat) करेगा. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने एक वीडियो भी जारी किया है. वहीं किसान महापंचायत और लघु सचिवालय घेराव को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है. करनाल जिले में धारा-144 लगाई गई है. साथ ही सोमवार रात 12 बजे से करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं (karnal internet ban) भी बंद कर दी जाएंगी, और अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.

इससे पहले सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की करनाल प्रशासन के साथ वार्ता विफल हो गई. जिसके बाद किसानों की घोषणा के मुताबिक, कल किसान करनाल स्थित अनाज मंडी में महापंचायत कर जिला सचिवालय का घेराव करेंगे. उपायुक्त निशान्त यादव ने संवेदनशील मामले के मद्देनजर 5 सितम्बर से 7 सितम्बर तक करनाल में धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को भी बुलाया है. लगभग 620 जवान एक टुकड़ी में शामिल हैं. प्रशासन की तरफ से चंडीगढ़ व दिल्ली से आने वाले वाहनों का रास्ता भी डायवर्ट (Delhi-Chandigarh Route Diversion) किया गया है.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने जारी किया वीडियो.

गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने वीडियो जारी कर समर्थकों से अपील की है कि 7 सितम्बर यानी मंगलवार को सुबह 10 बजे हरियाणा के किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में करनाल की नई अनाज मंडी में पहुंचे. जहां पर इकट्ठे होकर लघु सचिवालय का घेराव किया जाएगा. किसान नेताओं के हौसले अब पहले से ज्यादा बुलंद हो गए हैं, रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इसलिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब किसान नेता ऐसी पंचायतें कर रहे हैं और घेराव करने की धमकी दे रहे हैं.

करनाल जिला प्रशासन भी लघु सचिवालय के घेराव को लेकर पूरी तरह से अलर्ट पर है. रविवार शाम से ही करनाल में धारा 144 लागू कर दी गई है. प्रशासन ने कहा था कि किसी भी हालत में लघु सचिवालय का घेराव नहीं होने देंगे. अब देखना होगा कि किसान लघु सचिवालय का घेराव कर पाते हैं नहीं.

इससे पहले करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज कर गलत काम किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें- 7 सितम्बर को करनाल में किसानों की महापंचायत, दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का रूट डायवर्ट

करनाल : पिछले दिनों हरियाणा के करनाल में हुई लाठीचार्ज (Kisan Lathi Charge) और किसान की मौत के बाद से ही सरकार और किसान आमने-सामने हैं. किसानों द्वारा सरकार को दिया गया अल्टीमेटम (Ultimatum to Government) आज पूरा हो रहा है. इसके बाद 7 सितम्बर यानी मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) किसानों के साथ मिलकर करनाल में महापंचायत (Karnal Mahapanchayat) करेगा. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने एक वीडियो भी जारी किया है. वहीं किसान महापंचायत और लघु सचिवालय घेराव को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है. करनाल जिले में धारा-144 लगाई गई है. साथ ही सोमवार रात 12 बजे से करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं (karnal internet ban) भी बंद कर दी जाएंगी, और अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.

इससे पहले सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की करनाल प्रशासन के साथ वार्ता विफल हो गई. जिसके बाद किसानों की घोषणा के मुताबिक, कल किसान करनाल स्थित अनाज मंडी में महापंचायत कर जिला सचिवालय का घेराव करेंगे. उपायुक्त निशान्त यादव ने संवेदनशील मामले के मद्देनजर 5 सितम्बर से 7 सितम्बर तक करनाल में धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को भी बुलाया है. लगभग 620 जवान एक टुकड़ी में शामिल हैं. प्रशासन की तरफ से चंडीगढ़ व दिल्ली से आने वाले वाहनों का रास्ता भी डायवर्ट (Delhi-Chandigarh Route Diversion) किया गया है.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने जारी किया वीडियो.

गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने वीडियो जारी कर समर्थकों से अपील की है कि 7 सितम्बर यानी मंगलवार को सुबह 10 बजे हरियाणा के किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में करनाल की नई अनाज मंडी में पहुंचे. जहां पर इकट्ठे होकर लघु सचिवालय का घेराव किया जाएगा. किसान नेताओं के हौसले अब पहले से ज्यादा बुलंद हो गए हैं, रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इसलिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब किसान नेता ऐसी पंचायतें कर रहे हैं और घेराव करने की धमकी दे रहे हैं.

करनाल जिला प्रशासन भी लघु सचिवालय के घेराव को लेकर पूरी तरह से अलर्ट पर है. रविवार शाम से ही करनाल में धारा 144 लागू कर दी गई है. प्रशासन ने कहा था कि किसी भी हालत में लघु सचिवालय का घेराव नहीं होने देंगे. अब देखना होगा कि किसान लघु सचिवालय का घेराव कर पाते हैं नहीं.

इससे पहले करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज कर गलत काम किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें- 7 सितम्बर को करनाल में किसानों की महापंचायत, दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का रूट डायवर्ट

Last Updated : Sep 6, 2021, 7:47 PM IST
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