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दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई आज - शरजील इमाम की जमानत याचिका

दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर आज दिल्ली का कड़कड़डूमा कोर्ट भी सुनवाई करेगा. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत इस केस की सुनवाई करेंगे.

दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम
दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम
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Published : Sep 2, 2021, 7:09 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर आज कड़कड़डूमा कोर्ट भी सुनवाई करेगा. बुधवार को दिल्ली पुलिस के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कोर्ट में कहा कि शरजील इमाम के भाषण विभाजनकारी थे. वे पूरी तरह से अराजकता पैदा करना चाहते थे.

सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा कि शरजील इमाम कोई साधारण पृष्ठभूमि का आरोपी नहीं है. वो पॉकेटमार या ड्रग तस्करी करने वाला नहीं है. उसे अच्छा भाषण देने आता है. वह पांच भाषाओं का जानकार है. अमित प्रसाद ने शरजील इमाम के जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के भाषणों को पढ़ा. उन्होंने कहा कि शरजील के भाषणों में तीन बातें साफ थीं. पहला तो ये कि उसके भाषण विभाजनकारी थे. उसके भाषण में किसी एक ही समुदाय को उकसाने की कोशिश की गई थी. ताकि पूरे तरीके से अराजकता फैले.

ये भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा: शरजील इमाम के केस से संबंधित दस्तावेज देने की मांग पर सुनवाई आज

अमित प्रसाद ने कहा कि शरजील का भाषण अस्सलाम-ओ-अलैकुम से शुरू हुआ. जिससे साफ है कि वो एक खास समुदाय को संबोधित कर रहा था. आरोपी के पास दंगे का थीसिस था. उसे अंजाम तक पहुंचाने की कार्ययोजना भी जानता था. शरजील इमाम ने अपने भाषणों में कहा कि लोगों के गुस्सा का इस्तेमाल सही जगह पर करना है. केवल नागरिकता संशोधन कानून की बात नहीं है, पिछले 70 सालों में क्या हुआ. 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली दंगों में UAPA के आरोपियों की डगर नहीं आसान, जानिए क्यों

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया था. जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. उनसे कहा गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा.

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर आज कड़कड़डूमा कोर्ट भी सुनवाई करेगा. बुधवार को दिल्ली पुलिस के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कोर्ट में कहा कि शरजील इमाम के भाषण विभाजनकारी थे. वे पूरी तरह से अराजकता पैदा करना चाहते थे.

सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा कि शरजील इमाम कोई साधारण पृष्ठभूमि का आरोपी नहीं है. वो पॉकेटमार या ड्रग तस्करी करने वाला नहीं है. उसे अच्छा भाषण देने आता है. वह पांच भाषाओं का जानकार है. अमित प्रसाद ने शरजील इमाम के जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के भाषणों को पढ़ा. उन्होंने कहा कि शरजील के भाषणों में तीन बातें साफ थीं. पहला तो ये कि उसके भाषण विभाजनकारी थे. उसके भाषण में किसी एक ही समुदाय को उकसाने की कोशिश की गई थी. ताकि पूरे तरीके से अराजकता फैले.

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अमित प्रसाद ने कहा कि शरजील का भाषण अस्सलाम-ओ-अलैकुम से शुरू हुआ. जिससे साफ है कि वो एक खास समुदाय को संबोधित कर रहा था. आरोपी के पास दंगे का थीसिस था. उसे अंजाम तक पहुंचाने की कार्ययोजना भी जानता था. शरजील इमाम ने अपने भाषणों में कहा कि लोगों के गुस्सा का इस्तेमाल सही जगह पर करना है. केवल नागरिकता संशोधन कानून की बात नहीं है, पिछले 70 सालों में क्या हुआ. 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.

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चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया था. जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. उनसे कहा गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा.

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