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कर्ण सिंह बोले, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है

कर्ण सिंह के इस बयान को उनकी ओर से कांग्रेस छोड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर रियासत के आखिरी महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह 1967 से 1973 तक केंद्र सरकार में मंत्री थे. हालांकि बीते कई सालों से वह उपेक्षित चल रहे हैं.

कर्ण सिंह
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Published : Sep 16, 2022, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी, लेकिन आज पार्टी से मेरे रिश्ते न के बराबर हैं. कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी. लेकिन 8 से 10 सालों से मैं संसद का सदस्य नहीं हूं. वर्किंग कमिटी से भी मुझे बाहर कर दिया गया. हां, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है. कोई मुझसे किसी भी चीज के लिए बात नहीं करता. मैं अपना काम करता हूं. मेरे पार्टी से रिश्ते न के समान हैं.

  • I had joined Congress in 1967. But in last 8-10 yrs, I'm no more in Parliament, I was dropped from working committee. Yes, I'm in Congress but there's no contact, nobody asks me anything.I do my own work. My relations with party are almost zero now: Sr Congress leader Karan Singh pic.twitter.com/xa8re5ZFKh

    — ANI (@ANI) September 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: आजाद के पद्म पुरस्कार की प्रशंसा के साथ अभिवादन करें : कर्ण सिंह

कर्ण सिंह के इस बयान को उनकी ओर से कांग्रेस छोड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर रियासत के आखिरी महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह 1967 से 1973 तक केंद्र सरकार में मंत्री थे. हालांकि बीते कई सालों से वह उपेक्षित चल रहे हैं. गुलाम नबी आजाद की तरह ही कर्ण सिंह से भी पीएम नरेंद्र मोदी के अच्छे रिश्ते हैं. हाल ही में उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका विमोचन खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था और कर्ण सिंह की इस मौके पर जमकर तारीफ की थी. कर्ण सिंह ने भले ही अपने अगले प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन पार्टी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक सकारात्मक, चुनाव से पहले मिले पूर्ण राज्य का दर्जा : कर्ण सिंह

गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया है. वह लगातार रैलियां कर रहे हैं और राहुल गांधी तक पर सीधा हमला बोल रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के सियासत में आते ही कांग्रेस की पुरानी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, जो दशकों से चली आ रही थी. इस पर कांग्रेस ने उन पर तीखा वार किया था और कहा था कि वह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. गुलाम नबी आजाद ने तो पिछले दिनों यह भी कह दिया था कि अब 370 जम्मू-कश्मीर में वापस नहीं आ सकता.

पढ़ें: फारूक अब्दुल्ला हताश, अनुच्छेद 370 पर बयान अस्वीकार्य : कर्ण सिंह

नई दिल्ली: महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी, लेकिन आज पार्टी से मेरे रिश्ते न के बराबर हैं. कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी. लेकिन 8 से 10 सालों से मैं संसद का सदस्य नहीं हूं. वर्किंग कमिटी से भी मुझे बाहर कर दिया गया. हां, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है. कोई मुझसे किसी भी चीज के लिए बात नहीं करता. मैं अपना काम करता हूं. मेरे पार्टी से रिश्ते न के समान हैं.

  • I had joined Congress in 1967. But in last 8-10 yrs, I'm no more in Parliament, I was dropped from working committee. Yes, I'm in Congress but there's no contact, nobody asks me anything.I do my own work. My relations with party are almost zero now: Sr Congress leader Karan Singh pic.twitter.com/xa8re5ZFKh

    — ANI (@ANI) September 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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कर्ण सिंह के इस बयान को उनकी ओर से कांग्रेस छोड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर रियासत के आखिरी महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह 1967 से 1973 तक केंद्र सरकार में मंत्री थे. हालांकि बीते कई सालों से वह उपेक्षित चल रहे हैं. गुलाम नबी आजाद की तरह ही कर्ण सिंह से भी पीएम नरेंद्र मोदी के अच्छे रिश्ते हैं. हाल ही में उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका विमोचन खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था और कर्ण सिंह की इस मौके पर जमकर तारीफ की थी. कर्ण सिंह ने भले ही अपने अगले प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन पार्टी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं.

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गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया है. वह लगातार रैलियां कर रहे हैं और राहुल गांधी तक पर सीधा हमला बोल रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के सियासत में आते ही कांग्रेस की पुरानी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, जो दशकों से चली आ रही थी. इस पर कांग्रेस ने उन पर तीखा वार किया था और कहा था कि वह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. गुलाम नबी आजाद ने तो पिछले दिनों यह भी कह दिया था कि अब 370 जम्मू-कश्मीर में वापस नहीं आ सकता.

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