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Kanpur Bikru Case: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर भी नहीं हुई खुशी दुबे की रिहाई, जानिए क्यों फंसा है पेंच

कानपुर देहात कोर्ट में गुरुवार को खुशी दुबे मामले को लेकर सुनवाई होगी. खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ जनामत दी थी. लेकिन अभी उसकी जेल से रिहाई नहीं हुई है.

Kanpur Bikru Case
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Published : Jan 19, 2023, 6:01 PM IST

कानपुर देहात: देश के बहुचर्चित बिकरु कांड मामले में 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से खुशी दुबे को जमानत मिल गई थी. लेकिन, जमानत आदेश सेशन कोर्ट में दाखिल करने के बाद 6 जनवरी को कोर्ट ने खुशी को डेढ़-डेढ़ लाख की दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद दो जमानतें कोर्ट में दाखिल कर दी गईं. लेकिन, इसके बावजूद खुशी दुबे की जेल से रिहाई नहीं हुई. खुशी की जमानत सत्यापन न होने पर न्यायालय ने सरकार और पुलिस पर कड़ी नाराजगी जताई है. एक बार फिर गुरुवार को खुशी दुबे मामले में जनपद कोर्ट में सुनवाई होगी.

जनपद के थाना चौबेपुर अंतर्गत बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों ने बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून डाला था. इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में विकास दुबे सहित छह आरोपियों को ढेर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया था और उसे जेल भेज दिया था. पुलिस का कहना था कि इस पूरे कांड में जिस तरह से विकास दुबे के साथ अमर दुबे उसके गैंग का हिस्सा था, उसी तरह अमर दुबे के साथ खुशी दुबे भी शामिल थी. इसके बाद खुशी दुबे ने जमानत की अर्जी डाली थी.

कानपुर देहात किशोर बोर्ड न्यायालय ने खुशी दुबे को नाबालिग करार दे दिया था. इस मामले की सुनवाई कानपुर देहात न्यायालय में चल रही थी. वहीं, खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दे दी थी. इसमें कहा गया है कि हफ्ते में एक दिन पुलिस स्टेशन में खुशी दुबे को हाजरी लगानी होगी. जबकि, यूपी सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध किया था. कहा कि इन पर पुलिस पर फायरिंग के लिए उकसाने का गंभीर आरोप है. यूपी सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि जेल रिपोर्ट के मुताबिक, इनका व्यवहार ठीक नहीं है. इन्होंने दूसरे कैदियों के साथ झगड़े किए थे. अगर खुशी दुबे को जमानत मिल जाती है तो गैंग फिर से एक्टिव हो सकता है.

बिकरू कांड में मुठभेड़ में मारे जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसके बाद कोर्ट ने जमानत प्रपत्र को सत्यापन के लिए भेजा था. लेकिन, एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी जमानत सत्यापन अभी नहीं हुआ है. इस पर न्यायालय ने नौबस्ता व पनकी थाना प्रभारी के साथ ही यूको बैंक अर्मापुर शाखा प्रबंधक को जवाब देने के लिए तलब किया है. साथ ही पुलिस और सरकार के इस रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि बिकरु कांड मामले में सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की गई है. इसको लेकर जनपद के कोर्ट में आज तीखी बहस होगी.

यह भी पढ़ें: Rape With Girl In Etawah: इटावा रेलवे स्टेशन पर छात्रा के साथ रेलकर्मी ने किया दुष्कर्म, निलंबित

कानपुर देहात: देश के बहुचर्चित बिकरु कांड मामले में 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से खुशी दुबे को जमानत मिल गई थी. लेकिन, जमानत आदेश सेशन कोर्ट में दाखिल करने के बाद 6 जनवरी को कोर्ट ने खुशी को डेढ़-डेढ़ लाख की दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद दो जमानतें कोर्ट में दाखिल कर दी गईं. लेकिन, इसके बावजूद खुशी दुबे की जेल से रिहाई नहीं हुई. खुशी की जमानत सत्यापन न होने पर न्यायालय ने सरकार और पुलिस पर कड़ी नाराजगी जताई है. एक बार फिर गुरुवार को खुशी दुबे मामले में जनपद कोर्ट में सुनवाई होगी.

जनपद के थाना चौबेपुर अंतर्गत बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों ने बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून डाला था. इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में विकास दुबे सहित छह आरोपियों को ढेर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया था और उसे जेल भेज दिया था. पुलिस का कहना था कि इस पूरे कांड में जिस तरह से विकास दुबे के साथ अमर दुबे उसके गैंग का हिस्सा था, उसी तरह अमर दुबे के साथ खुशी दुबे भी शामिल थी. इसके बाद खुशी दुबे ने जमानत की अर्जी डाली थी.

कानपुर देहात किशोर बोर्ड न्यायालय ने खुशी दुबे को नाबालिग करार दे दिया था. इस मामले की सुनवाई कानपुर देहात न्यायालय में चल रही थी. वहीं, खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दे दी थी. इसमें कहा गया है कि हफ्ते में एक दिन पुलिस स्टेशन में खुशी दुबे को हाजरी लगानी होगी. जबकि, यूपी सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध किया था. कहा कि इन पर पुलिस पर फायरिंग के लिए उकसाने का गंभीर आरोप है. यूपी सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि जेल रिपोर्ट के मुताबिक, इनका व्यवहार ठीक नहीं है. इन्होंने दूसरे कैदियों के साथ झगड़े किए थे. अगर खुशी दुबे को जमानत मिल जाती है तो गैंग फिर से एक्टिव हो सकता है.

बिकरू कांड में मुठभेड़ में मारे जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसके बाद कोर्ट ने जमानत प्रपत्र को सत्यापन के लिए भेजा था. लेकिन, एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी जमानत सत्यापन अभी नहीं हुआ है. इस पर न्यायालय ने नौबस्ता व पनकी थाना प्रभारी के साथ ही यूको बैंक अर्मापुर शाखा प्रबंधक को जवाब देने के लिए तलब किया है. साथ ही पुलिस और सरकार के इस रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि बिकरु कांड मामले में सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की गई है. इसको लेकर जनपद के कोर्ट में आज तीखी बहस होगी.

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