कांकेर: नक्सलियों के प्रेस नोट जारी कर 21 अक्टूबर को मारे गए दो कथित नक्सलियों के मुठभेड़ को फर्जी बताया. नक्सलियों ने कहा कि मारे गए दोनों युवकों का नक्सल संगठन से कोई संबंध नहीं था. इससे पहले कथित नक्सलियों के परिजनों ने भी पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ कर आम लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया था.
कांकेर एनकाउंटर पर नक्सली: उत्तर बस्तर डिविजन कमेटी के प्रवक्ता सुखदेव कौडों ने प्रेस नोट जारी किया. इसमें बताया गया कि कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार से लौट रहे दो निर्दोष माडिया आदिवासी काना वेडदा और मोडाराम पद्दा को 21 अक्टूबर को गोमे और काकनार के बीच डीआरजी और बस्तर फाइटर्स ने गोली मार दी. नक्सलियों ने कांकेर पुलिस पर आरोप लगाया कि निर्दोष लोगों की हत्या कर पुलिस दो नक्सलियों को मार गिराने का झूठा प्रचार कर रही है. नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 का भी बहिष्कार करने की बात प्रेस नोट में लिखी.
परिजनों ने पुलिस पर लगाया मार कर नक्सली वर्दी पहनाने का आरोप: कांकेर पुलिस जिन्हें नक्सली बताकर एनकाउंटर करना बता रही है उन्हें कथित नक्सली के परिजन आम आदिवासी ग्रामीण बता रही है. परिजनों ने कांकेर पुलिस पर आरोप लगाया कि कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार से वापसी के दौरान पुलिस ने मोडा राम पद्दा और काना को पकड़ लिया और उन्हें नक्सली कैंप में ले जाकर उनकी हत्या कर दी. उसके बाद उन्हें नक्सली वर्दी पहना दी.
सोमवार को कथित नक्सलियों के परिजन और गांव वालों ने दोनों मृतकों का शव ना ले जाने की चेतावनी देते हुए एसपी ऑफिस पहुंचे और पूरे मामले की जांच की मांग की. कांकेर एसपी ने दावा किया कि दोनों मारे गए लोग नक्सली है. हालांकि पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर जांच का आश्वासन परिजनों को दिया.