ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु के कपड़ा मिलों में हड़ताल, निर्मला सीतारमण से मिलेंगी कनिमोझी - तमिलनाडु में कपड़ा मिलें बंद

तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र यानी राज्य के कपड़ा केंद्र के संसद सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल द्रमुक सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेगा. इस बैठक में वित्त मंत्री से कपास और धागे की ऊंची कीमतों के मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया जाएगा.

Kanimozhi to lead MPs delegation
Kanimozhi to lead MPs delegation
author img

By

Published : May 17, 2022, 8:43 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु की कॉटन इंडस्ट्री कपास और धागे की बढ़ी कीमतों के कारण मुश्किलों से जूझ रही है. अब इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. पिछले दिनों तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कपास पर लगे आयात शुल्क हटाने की मांग की थी. अब इस सिलसिले में डीएमके की सांसद कनिमोझी तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य सांसदों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करने वाली हैं. कनिमोझी के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात करेगा.

पिछले साल तमिलनाडु में हुई बेमौसम की बरसात और जल-जमाव से कपास किसानों को भारी नुकसान हुआ था. राज्य के तिरुचि जिले में कपास की लगभग 60 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई थी. इसका असर यह है कि अब कपास की कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही है. कपास की कीमतें 45,000 प्रति कैंडी से बढ़कर 1 लाख रुपये प्रति कैंडी को पार कर गई हैं. कच्चा माल महंगा के कारण तमिलनाडु की कई कपड़ा फैक्ट्रियों में ताला लग गया है

कपास और सूती धागे की ऊंची कीमतों के कारण किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा है. तमिलनाडु के पश्चिमी जिलों इरोड और तिरुपुर में कपड़ा उद्योग के केंद्र हैं. इस इलाके कपड़ा बनाने वाली इकाइयों ने कपास और धागे की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ 16 मई को दो दिवसीय हड़ताल शुरू की है. हालात बिगड़ता देख राज्य सरकार ने केंद्र से कपास और धागे की कीमतों पर लगाम लगाने की मांग की है. सोमवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. तमिलनाडु में कपड़ा उद्योग के सामने आने वाले संकटों के बारे बताते हुए सीएम स्टालिन ने केंद्र से कपास और यार्न स्टॉक की घोषणा सहित कई कदम उठाने का आग्रह किया था. 18 मई को लोकसभा सांसद कनिमोझी केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण और केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात करेंगी.


पढ़ें : फर्टिलाइजर आयात के लिए जॉर्डन के साथ समझौता, खरीफ सीजन में नहीं होगी यूरिया की कमी

चेन्नई : तमिलनाडु की कॉटन इंडस्ट्री कपास और धागे की बढ़ी कीमतों के कारण मुश्किलों से जूझ रही है. अब इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. पिछले दिनों तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कपास पर लगे आयात शुल्क हटाने की मांग की थी. अब इस सिलसिले में डीएमके की सांसद कनिमोझी तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य सांसदों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करने वाली हैं. कनिमोझी के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात करेगा.

पिछले साल तमिलनाडु में हुई बेमौसम की बरसात और जल-जमाव से कपास किसानों को भारी नुकसान हुआ था. राज्य के तिरुचि जिले में कपास की लगभग 60 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई थी. इसका असर यह है कि अब कपास की कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही है. कपास की कीमतें 45,000 प्रति कैंडी से बढ़कर 1 लाख रुपये प्रति कैंडी को पार कर गई हैं. कच्चा माल महंगा के कारण तमिलनाडु की कई कपड़ा फैक्ट्रियों में ताला लग गया है

कपास और सूती धागे की ऊंची कीमतों के कारण किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा है. तमिलनाडु के पश्चिमी जिलों इरोड और तिरुपुर में कपड़ा उद्योग के केंद्र हैं. इस इलाके कपड़ा बनाने वाली इकाइयों ने कपास और धागे की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ 16 मई को दो दिवसीय हड़ताल शुरू की है. हालात बिगड़ता देख राज्य सरकार ने केंद्र से कपास और धागे की कीमतों पर लगाम लगाने की मांग की है. सोमवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. तमिलनाडु में कपड़ा उद्योग के सामने आने वाले संकटों के बारे बताते हुए सीएम स्टालिन ने केंद्र से कपास और यार्न स्टॉक की घोषणा सहित कई कदम उठाने का आग्रह किया था. 18 मई को लोकसभा सांसद कनिमोझी केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण और केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात करेंगी.


पढ़ें : फर्टिलाइजर आयात के लिए जॉर्डन के साथ समझौता, खरीफ सीजन में नहीं होगी यूरिया की कमी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.