हैदराबाद : त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एए कुरैशी और न्यायमूर्ति एस तलपत्रा की खंडपीठ ने दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित सबरूम की बर्बर घटना (जिसमें एक महिला को गांववालों ने निर्वस्त्र घूमने पर मजबूर किया जिस कारण उसे मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ी) पर स्वत: संज्ञान लेते त्रिपुरा राज्य को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट इस घटना के लिए के लिए कंगारू कोर्ट को भी जिम्मेदार ठहराया है. इस मामले में कोर्ट ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक, दक्षिण त्रिपुरा जिला और एसडीपीओ, सबरूम के माध्यम से राज्य को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इस केस में शामिल सभी लोगों को 24 घंटे के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.
साथ ही कोर्ट ने इस घटना को मानवाधिकारों का उल्लघंन भी बताया है. बता दें, मामले के मीडिया में आने के बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लिया और इस केस की कुछ कॉपी एडवोकेट जनरल, सरकारी वकील और पब्लिक अभियोक्ता को सौंपी थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना पूरी जांच पड़ताल के इस खबर की पुष्टि करना जल्दबाजी होगा.
इन परिस्थितियों में हमें राज्य सरकार से मामले से जुड़े सभी तथ्य जुटाने होंगे. कोर्ट ने प्राधिकरण को भी अपनी जवाबदेही तय करने का कहा है. कोर्ट ने अधिकारियों को मृतक के परिवार के सदस्यों के बयानों के साथ समाचार लेखों में उल्लेखित वीडियो फुटेज को कोर्ट में पेश करने का भी निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा, अगर कथित मामले की कोई तस्वीर या वीडियो फुटेज उपलब्ध है तो उसे कोर्ट में पेश किया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में मृतक महिला के परिजनों को सुरक्षा देने और बिना देरी किए उनके बयान रिकॉर्ड करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट की भी मांग की है.
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ये था पूरा मामला
सूत्रों के मुताबिक, बीती 3 मई को महिला को ग्रामीणों के सामने अपमानित किया गया और उसके अंतरंग वीडियो सार्वजनिक किए गए. उसे कथित तौर पर बिना किसी कपड़े के पूरे गांव में भागने पर मजबूर किया गया. सूत्र के अनुसार महिला का कथित रूप से अवैध संबंध था.