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कमलनाथ बोले- पीएम मोदी ने पूरा किया होता अपना वादा तो कोरोना से इतनी मौतें नहीं होतीं

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वादे से मुकरने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का एलान किया था, लेकिन दिया नहीं. कमलनाथ ने आरोप लगाया की केंद्र सरकार बताए कि उन 20 लाख करोड़ रुपयों का क्या हुआ. उन्होंने कहा कि अगर मोदी यह पैसे दे देते तो कोरोना से इतनी मौतें नहीं होतीं. मध्य प्रदेश के आर्थिक हालातों को लेकर भी कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.

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Published : Aug 26, 2021, 9:39 PM IST

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना काल में अनाउंस किए गए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज के एलान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने गुरुवार को भोपाल में कांग्रेस की अगस्त क्रांति यात्रा के दौरान कहा कि मोदी अपने वादे से मुकर गए अगर वे ये पैसे राज्यों को दे देते तो कोरोना से इतनी मौतें नहीं होती. उन्होंने केंद्र से पूछा है कि यह 20 लाख करोड़ कहां गए. उन्होंने सीएम शिवराज पर भी जमकर हमला बोला और राज्य के वास्तविक हालातों और वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देने के लिए सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. कमलनाथ ने सीएम शिवराज को मुंबई जाकर एक्टिंग करने और प्रदेश का नाम रोशन करने की सलाह भी दी है.

सरकार ने डेढ़ साल में लिया 32 बार कर्ज

कमलनाथ ने पत्र में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष में प्रदेश सरकार ने 32 बार कर्ज लिया है. कर्ज की राशि 49800 करोड़ रुपए से अधिक है. प्रदेश सरकार द्वारा अब तक लिए गए कर्ज के मात्र ब्याज भुगतान में गत वर्ष लगभग 16500 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं और वार्षिक देय ब्याज भार निरंतर बढ़ता जा रहा है. सरकार द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज की दर 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष है जो कि अधिक है. विगत वर्षों में भी सरकार द्वारा निरंतर कर्ज लिया गया है. आज प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर औसतन 30 हजार रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है. इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र भी लिखा है. कमलनाथ ने कहा कि मार्च 2021 तक राज्य सरकार पर 2.53 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है, जबकि प्रदेश का वार्षिक बजट 2.41 लाख करोड़ का ही है.

कम हो गई प्रदेश की विकास दर : कमलनाथ

कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश का आमजन महंगाई की मार से पीड़ित है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य सामग्रियों और कृषि के लिए आवश्यक चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं. सरकार द्वारा बढ़े हुए भावों पर बढ़ी हुई टैक्स की राशि वसूली जारी है. कमलनाथ ने आगे कहा कि पेट्रोल, डीजल और शराब पर टैक्स से सरकार की आय में निरंतर वृद्धि हुई है लेकिन अधिक आय के बाद भी सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है. प्रदेश सरकार के कुप्रबंधन का ही परिणाम है कि आज प्रदेश की विकास दर कम हो गई है, आज हमारा प्रदेश एक कर्जदार प्रदेश बन चुका है.

विकास योजनाएं ठप, विज्ञापनों पर 25600 लाख खर्च

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के विकास की योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं. सड़कों के हाल बेहाल हैं. किसानों की कर्जमाफी की योजना बंद पड़ी है. युवाओं के लिए स्वरोजगार के लिए भर्ती की कार्यवाही स्थगित है. सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. प्रदेश सरकार विकास के नाम पर करोड़ों का कर्ज लेकर केवल प्रचार-प्रसार और दिखावटी उत्सवों और आयोजनों में लगी हुई है. प्रदेश सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर 25600 लाख रुपए से अधिक का व्यय किया गया है.

सरकार जारी करे श्वेत पत्र : कमलनाथ

पूर्व सीएम कमलना ने आगे कहा कि भारी कर्ज लेने के साथ-साथ अब तो सरकार शासकीय संपत्तियों का विक्रय कर धन उगाने की योजना की ओर बढ़ रही है. आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. इन हालातों में जनता जानना चाहती है कि प्रदेश में वास्तविक आर्थिक हालात कैसे हैं और सरकार का वित्तीय प्रबंधन क्या है. सरकार को प्रदेश की आर्थिक स्थितियों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

पढ़ेंः क्या है दिल्ली के स्मॉग टावर का चीन कनेक्शन, क्या ये प्रदूषण के खिलाफ कारगर है ?

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना काल में अनाउंस किए गए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज के एलान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने गुरुवार को भोपाल में कांग्रेस की अगस्त क्रांति यात्रा के दौरान कहा कि मोदी अपने वादे से मुकर गए अगर वे ये पैसे राज्यों को दे देते तो कोरोना से इतनी मौतें नहीं होती. उन्होंने केंद्र से पूछा है कि यह 20 लाख करोड़ कहां गए. उन्होंने सीएम शिवराज पर भी जमकर हमला बोला और राज्य के वास्तविक हालातों और वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देने के लिए सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. कमलनाथ ने सीएम शिवराज को मुंबई जाकर एक्टिंग करने और प्रदेश का नाम रोशन करने की सलाह भी दी है.

सरकार ने डेढ़ साल में लिया 32 बार कर्ज

कमलनाथ ने पत्र में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष में प्रदेश सरकार ने 32 बार कर्ज लिया है. कर्ज की राशि 49800 करोड़ रुपए से अधिक है. प्रदेश सरकार द्वारा अब तक लिए गए कर्ज के मात्र ब्याज भुगतान में गत वर्ष लगभग 16500 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं और वार्षिक देय ब्याज भार निरंतर बढ़ता जा रहा है. सरकार द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज की दर 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष है जो कि अधिक है. विगत वर्षों में भी सरकार द्वारा निरंतर कर्ज लिया गया है. आज प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर औसतन 30 हजार रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है. इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र भी लिखा है. कमलनाथ ने कहा कि मार्च 2021 तक राज्य सरकार पर 2.53 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो चुका है, जबकि प्रदेश का वार्षिक बजट 2.41 लाख करोड़ का ही है.

कम हो गई प्रदेश की विकास दर : कमलनाथ

कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश का आमजन महंगाई की मार से पीड़ित है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य सामग्रियों और कृषि के लिए आवश्यक चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं. सरकार द्वारा बढ़े हुए भावों पर बढ़ी हुई टैक्स की राशि वसूली जारी है. कमलनाथ ने आगे कहा कि पेट्रोल, डीजल और शराब पर टैक्स से सरकार की आय में निरंतर वृद्धि हुई है लेकिन अधिक आय के बाद भी सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है. प्रदेश सरकार के कुप्रबंधन का ही परिणाम है कि आज प्रदेश की विकास दर कम हो गई है, आज हमारा प्रदेश एक कर्जदार प्रदेश बन चुका है.

विकास योजनाएं ठप, विज्ञापनों पर 25600 लाख खर्च

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के विकास की योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं. सड़कों के हाल बेहाल हैं. किसानों की कर्जमाफी की योजना बंद पड़ी है. युवाओं के लिए स्वरोजगार के लिए भर्ती की कार्यवाही स्थगित है. सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. प्रदेश सरकार विकास के नाम पर करोड़ों का कर्ज लेकर केवल प्रचार-प्रसार और दिखावटी उत्सवों और आयोजनों में लगी हुई है. प्रदेश सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर 25600 लाख रुपए से अधिक का व्यय किया गया है.

सरकार जारी करे श्वेत पत्र : कमलनाथ

पूर्व सीएम कमलना ने आगे कहा कि भारी कर्ज लेने के साथ-साथ अब तो सरकार शासकीय संपत्तियों का विक्रय कर धन उगाने की योजना की ओर बढ़ रही है. आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. इन हालातों में जनता जानना चाहती है कि प्रदेश में वास्तविक आर्थिक हालात कैसे हैं और सरकार का वित्तीय प्रबंधन क्या है. सरकार को प्रदेश की आर्थिक स्थितियों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

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