लखनऊः शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कुरान की 26 आयतों के संशोधन की पीआईएल पर पूरे देश में उबाल है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के बड़े इमामबाड़े के सामने रविवार को शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में हजारों लोगों ने प्रद्रशन कर वसीम रिजवी को गिरफ्तार करने की मांग की. इस दौरान लोगों ने वसीम रिजवी के पोस्टरों को जूते चप्पलों से पीटकर विरोध दर्ज कराया. इस दौरान कल्बे जवाद ने कहा कि अब 19 मार्च को दिल्ली में वसीम खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया. इस ज्ञापन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजकर वसीम रिजवी पर कार्रवाई की मांग की गई.
वसीम रिजवी का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने वसीम रिजवी को इस्लाम और कुरान का दुश्मन और आतंकवादी करार देते हुए उसके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की. विरोध प्रदर्शन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व सदस्य मौलाना सलमान नदवी, टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम शाह फजलुल रहमान, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद प्राचा समेत एक दर्जन से ज्यादा शिया और सुन्नी उलमा मौजूद रहे.
19 मार्च को दिल्ली में निकाली जाएगी रैली
विरोध प्रदर्शन में कल्बे जवाद ने कहा कि 19 मार्च को दिल्ली की जामा मस्जिद पर जुमे की नमाज के बाद शिया और सुन्नी संयुक्त विरोध रैली आयोजित की जाएगी. इस दौरान भारत सरकार के साथ ही सुप्रीम कोर्ट से वसीम रिजवी के खिलाफ आतंकवाद फैलाने, देश विरोधी ताकतों के इशारे पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और अशांति फैलाने के जुर्म में मामला दर्ज करने की मांग की जाएगी. कल्वे जवाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मांग की जाएगी कि वसीम रिजवी की याचिका को खारिज कर उस पर भारी जुर्माना लगाए. उन्होंने सभी लोगों से 19 मार्च को दिल्ली की जामा मस्जिद में पहुंचने और विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील की.
वसीम रिजवी की तुरंत हो गिरफ्तारी
मंच से बोलते हुए उलमा ने कहा कि वसीम रिजवी हमेशा अराजकता, आतंकवाद फैलाने और वक्फ संपत्ति में चोरी करता रहा है. इस बार उसने कुरान की पवित्रता पर हमला किया है. यह मांग कभी एक मुसलमान नहीं कर सकता, इसलिए सरकार को उसे तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और कड़ी सजा देनी चाहिए. अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हम समझेंगे कि सरकार भी उसके समर्थन में हैं.