चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र के संस्कृति मंत्रालय के अधीन आने वाल संस्थान ‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन’ में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप पर राज्य विधानसभा को उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
विधायकों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाए जाने पर स्टालिन ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने पुलिस तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को कॉलेज भेजा और उन्होंने पूछताछ की. वरिष्ठ राजस्व तथा पुलिस अधिकारियों की एक समिति छात्रों और प्रबंधन के साथ बातचीत कर रही है. उन्होंने कहा, 'छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाया जा रहा है.'
महिला निरीक्षक के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों को परिसर में तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर जांच के दौरान उत्पीड़न का आरोप साबित होता है तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, अपराधी चाहे जो भी हो.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वीसीके, कांग्रेस और अन्य द्वारा विधानसभा में पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए सदन को सूचित किया कि 'दोषियों के खिलाफ उचित जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. एक उचित जांच की जाएगी और अगर आरोप साबित होते हैं, तो दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कोई भी हों.'
1936 में स्थापित और 1992 में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत संस्था बनने वाले कलाक्षेत्र के इतिहास में यह विरोध अभूतपूर्व था. हाथों में तख्तियां लिए छात्राओं ने 'वी वांट जस्टिस' का नारा लगाया.सेमेस्टर परीक्षाओं में भाग लेने से भी परहेज किया है. उनकी प्रमुख मांग सहायक प्रोफेसर हरि पैडमैन और तीन अन्य रिपर्टरी स्टाफ - संजीत लाल, साई कृष्णा और श्रीनाथ के निलंबन की थी. इन पर उत्पीड़न के अलावा यौन और मौखिक दुर्व्यवहार में शामिल होने का आरोप है.
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(पीटीआई-भाषा)