नई दिल्ली : करोल बाग के एक कारोबारी को कॉल कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में मध्य जिला पुलिस ने काला जठेड़ी-लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश को मंडोली जेल से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अक्षय पालदा और अक्षय अंतिल के रूप में की गई है. उसके पास से जबरन उगाही में इस्तेमाल किया गया आईफोन और सिम कार्ड बरामद किया गया है. इस वारदात में उसके साथ शामिल एक अन्य आरोपी को लेकर जांच चल रही है.
डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 30 मई को पीतमपुरा के रहने वाले एक कारोबारी को धमकी भरी कॉल आई थी. वह करोल बाग में कपड़े का कारोबार करते हैं. कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर बताकर उनसे 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. इसे लेकर करोल बाग थाने में तीन जून को मामला दर्ज किया गया. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी और जितेंद्र गोगी का गैंग जबरन उगाही की वारदातों में लिप्त हैं. इसे ध्यान में रखते हुए करोल बाग एसीपी विदुषी कौशिक की देखरेख में एसएचओ मनीष जोशी और एएटीएस के इंचार्ज संदीप गोदारा ने छानबीन शुरू की.
पुलिस टीम ने जेल में बंद कुछ बदमाशों की सूची तैयार की. उन्हें पता चला कि इंटरनेट कालिंग के जरिये इंटरनेशनल फोन नंबर से यह कॉल किया गया था. दिल्ली पुलिस की टीम ने इसे ध्यान में रखते हुए जब आगे छानबीन की तो पता चला कि मंडोली जेल से यह कॉल की गई है. इसके लिए बीएसएनएल की सिम का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस टीम इस सिम को तलाशते हुए मेरठ पहुंची. उस व्यक्ति को तलाशा गया जिसके नाम पर यह सिम जारी हुई थी. इससे पता चला कि मेरठ के पुलिस चौकी सरिया कॉलोनी में तैनात एक सिपाही ने सीएनजी मकैनिक के नाम पर यह सिम कार्ड लिया था. उसने यह सिम राकेश उर्फ राका को दिया था.
पुलिस को पता चला कि अक्षय पालदा नामक बदमाश ने यह कॉल की है. अदालत से 5 जून को एक सर्च वारंट लिया गया और पुलिस टीम मंडोली जेल पहुंची. यहां सख्ती से पूछताछ किए जाने पर अक्षय पालदा उर्फ अक्षय अंतिल ने बताया कि नरेश सेठी और उसने मिलकर यह साजिश रची थी. वह लारेंस-बिश्नोई, काला जठेड़ी गैंग के सदस्य हैं. इसके लिए उन्होंने दो सिम कार्ड का बंदोबस्त किया था. वह आईफोन 12 मिनी और चाइनीज कीपैड फोन जेल के भीतर मंगवाकर इससे कॉल कर रहा था. यह मोबाइल राजेश उर्फ राका ने उन्हें दिए थे. बीएसएनएल का सिम एप्पल आईफोन 12 में लगाया गया था, जबकि वोडाफोन का सिम चाइनीज मोबाइल में लगाया गया था. इस खुलासे के बाद अक्षय पालदा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से आई फोन बरामद कर लिया गया है.
गिरफ्तार किया गया अक्षय पालदा उर्फ अक्षय अंतिल हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है. वह लारेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग का शार्प शूटर है. यह गैंग हत्या, अपहरण, जबरन उगाही आदि वारदातों में शामिल रहा है. अक्षय के खिलाफ हत्या सहित कई मामले दर्ज हैं. हाल ही में हुई मूसेवाला की हत्या के मामले में भी इस गैंग पर शक है. काला जठेड़ी का बेहद ही करीबी सेठी है. पिछले महीने तक दोनों मंडोली की एक ही जेल में बंद थे.
मंडोली जेल से कॉल कर 5 करोड़ की मांगी रंगदारी, लारेंस बिश्नोई का साथी गिरफ्तार
पुलिस टीम ने जेल में बंद कुछ बदमाशों की सूची तैयार की. उन्हें पता चला कि इंटरनेट कालिंग के जरिये इंटरनेशनल फोन नंबर से यह कॉल किया गया था. दिल्ली पुलिस की टीम ने इसे ध्यान में रखते हुए जब आगे छानबीन की तो पता चला कि मंडोली जेल से यह कॉल की गई है. इसके लिए बीएसएनएल की सिम का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस टीम इस सिम को तलाशते हुए मेरठ पहुंची. उस व्यक्ति को तलाशा गया जिसके नाम पर यह सिम जारी हुई थी.
नई दिल्ली : करोल बाग के एक कारोबारी को कॉल कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में मध्य जिला पुलिस ने काला जठेड़ी-लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश को मंडोली जेल से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अक्षय पालदा और अक्षय अंतिल के रूप में की गई है. उसके पास से जबरन उगाही में इस्तेमाल किया गया आईफोन और सिम कार्ड बरामद किया गया है. इस वारदात में उसके साथ शामिल एक अन्य आरोपी को लेकर जांच चल रही है.
डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 30 मई को पीतमपुरा के रहने वाले एक कारोबारी को धमकी भरी कॉल आई थी. वह करोल बाग में कपड़े का कारोबार करते हैं. कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर बताकर उनसे 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. इसे लेकर करोल बाग थाने में तीन जून को मामला दर्ज किया गया. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी और जितेंद्र गोगी का गैंग जबरन उगाही की वारदातों में लिप्त हैं. इसे ध्यान में रखते हुए करोल बाग एसीपी विदुषी कौशिक की देखरेख में एसएचओ मनीष जोशी और एएटीएस के इंचार्ज संदीप गोदारा ने छानबीन शुरू की.
पुलिस टीम ने जेल में बंद कुछ बदमाशों की सूची तैयार की. उन्हें पता चला कि इंटरनेट कालिंग के जरिये इंटरनेशनल फोन नंबर से यह कॉल किया गया था. दिल्ली पुलिस की टीम ने इसे ध्यान में रखते हुए जब आगे छानबीन की तो पता चला कि मंडोली जेल से यह कॉल की गई है. इसके लिए बीएसएनएल की सिम का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस टीम इस सिम को तलाशते हुए मेरठ पहुंची. उस व्यक्ति को तलाशा गया जिसके नाम पर यह सिम जारी हुई थी. इससे पता चला कि मेरठ के पुलिस चौकी सरिया कॉलोनी में तैनात एक सिपाही ने सीएनजी मकैनिक के नाम पर यह सिम कार्ड लिया था. उसने यह सिम राकेश उर्फ राका को दिया था.
पुलिस को पता चला कि अक्षय पालदा नामक बदमाश ने यह कॉल की है. अदालत से 5 जून को एक सर्च वारंट लिया गया और पुलिस टीम मंडोली जेल पहुंची. यहां सख्ती से पूछताछ किए जाने पर अक्षय पालदा उर्फ अक्षय अंतिल ने बताया कि नरेश सेठी और उसने मिलकर यह साजिश रची थी. वह लारेंस-बिश्नोई, काला जठेड़ी गैंग के सदस्य हैं. इसके लिए उन्होंने दो सिम कार्ड का बंदोबस्त किया था. वह आईफोन 12 मिनी और चाइनीज कीपैड फोन जेल के भीतर मंगवाकर इससे कॉल कर रहा था. यह मोबाइल राजेश उर्फ राका ने उन्हें दिए थे. बीएसएनएल का सिम एप्पल आईफोन 12 में लगाया गया था, जबकि वोडाफोन का सिम चाइनीज मोबाइल में लगाया गया था. इस खुलासे के बाद अक्षय पालदा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से आई फोन बरामद कर लिया गया है.
गिरफ्तार किया गया अक्षय पालदा उर्फ अक्षय अंतिल हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है. वह लारेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग का शार्प शूटर है. यह गैंग हत्या, अपहरण, जबरन उगाही आदि वारदातों में शामिल रहा है. अक्षय के खिलाफ हत्या सहित कई मामले दर्ज हैं. हाल ही में हुई मूसेवाला की हत्या के मामले में भी इस गैंग पर शक है. काला जठेड़ी का बेहद ही करीबी सेठी है. पिछले महीने तक दोनों मंडोली की एक ही जेल में बंद थे.