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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मनोज मुखर्जी का निधन - नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के रहस्य

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मनोज मुखर्जी का शनिवार को निधन हो गया. वह 87 वर्ष के थे. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

नहीं रहे मुखर्जी कमीशन के प्रमुख जस्टिस मनोज मुखर्जी
नहीं रहे मुखर्जी कमीशन के प्रमुख जस्टिस मनोज मुखर्जी
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Published : Apr 18, 2021, 9:13 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मनोज मुखर्जी का निधन हो गया है, वह 87 वर्ष के थे.

जस्टिस मुखर्जी को लेकर 1999 में मुखर्जी कमीशन का गठन किया गया था. इस कमीशन का गठन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु से जुड़े रहस्यों का पता लगाने के लिए किया गया था.

उन्होंने ही सर्वप्रथम दावा किया था कि जापान में रेंकोजी मंदिर में रखी पवित्र अस्थि राख नेताजी की नहीं है.

आयोग द्वारा केंद्र को यह रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद पूरे देश में इसे लेकर सनसनी मच गई थी. हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

पढ़ेंः तमिलनाडु : पटाखों की एक दुकान में लगी भीषण आग, तीन की मौत

बता दें कि जस्टिस मनोज मुखर्जी को बॉम्बे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके थे. बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.

उनकी सेवानिवृत्ति के बाद ही उनके नेतृत्व वाले आयोग का गठन किया गया था. 1945 में नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में हुई थी या नहीं, इसी रहस्य का पता लगाने की आयोग को जिम्मेदारी सौंपी गई थी .

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मनोज मुखर्जी का निधन हो गया है, वह 87 वर्ष के थे.

जस्टिस मुखर्जी को लेकर 1999 में मुखर्जी कमीशन का गठन किया गया था. इस कमीशन का गठन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु से जुड़े रहस्यों का पता लगाने के लिए किया गया था.

उन्होंने ही सर्वप्रथम दावा किया था कि जापान में रेंकोजी मंदिर में रखी पवित्र अस्थि राख नेताजी की नहीं है.

आयोग द्वारा केंद्र को यह रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद पूरे देश में इसे लेकर सनसनी मच गई थी. हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

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बता दें कि जस्टिस मनोज मुखर्जी को बॉम्बे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके थे. बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.

उनकी सेवानिवृत्ति के बाद ही उनके नेतृत्व वाले आयोग का गठन किया गया था. 1945 में नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में हुई थी या नहीं, इसी रहस्य का पता लगाने की आयोग को जिम्मेदारी सौंपी गई थी .

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