नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने रेप के आरोप मामले में एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के खिलाफ जारी समन को चुनौती देनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. शुक्रवार को स्पेशल जज एमके नागपाल ने 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.
कोर्ट ने 18 अक्टूबर को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से शाहनवाज हुसैन के खिलाफ जारी समन पर रोक लगा दिया था. हुसैन ने अपने खिलाफ जारी समन को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है. इससे पहले 11 अक्टूबर को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन वैभव मेहता ने समन जारी करते हुए शाहनवाज हुसैन को 20 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
वैभव मेहता ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के कैंसिलेशन रिपोर्ट को खारिज करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 328 और 506 के तहत आरोपों पर संज्ञान लेते हुए समन जारी करने का आदेश दिया था. दरअसल, इस मामले की शिकायतकर्ता ने दिल्ली पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट का विरोध करते हुए अर्जी दाखिल किया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता की विरोध अर्जी को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया था.
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भाजपा नेता पर आरोप है कि वे अप्रैल 2018 में शिकायकर्ता को एक फार्म हाउस में ले गए. वहां महिला को नशीली चीज देकर उसके साथ रेप करने का आरोप है. महिला के मुताबिक, हुसैन ने घटना का वीडियो बनाया और धमकी दी कि अगर वो किसी को बताएगी तो उसका अंजाम बुरा होगा. महिला ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज किया गया.
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि शिकायतकर्ता के आरोपों को खारिज कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि महिला के बयान सही हैं या गलत ये कोर्ट में ट्रायल के बाद ही पता चल पाएगा. इसलिए पुलिस की यह दलील सही नहीं है कि शिकायतकर्ता के बयानों में विरोधाभास है. बयान में हल्के विरोधाभास को आधार बनाकर संपूर्ण शिकायत को खारिज नहीं किया जा सकता है.
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