चंडीगढ़ : निकिता तोमर हत्याकांड में दोषियों को सजा सुनाने वाले न्यायाधीश का तबादला कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो यह राजनीतिक हस्तक्षेप से हुआ है क्योंकि कुछ ही घंटे में दोषियों को सजा सुनाई जानी थी. दोषियों को आज सजा सुनाई जानी है जिसको लेकर पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष के वकीलों की बहस जिला अदालत में हो चुकी है और अब 3:45 पर कोर्ट के द्वारा सजा को लेकर फैसला सुनाया जाएगा.
निकिता हत्याकांड मामले में दोनों पक्षों के वकीलों की तरफ से अदालत में बहस की गई. निकिता केस के वकीलों ने कहा कि यह ईगो में की गई हत्या है. इस केस में फैसला ऐसा होना चाहिए जो जनता उदाहरण बने.
इसके बाद आरोपी पक्ष के वकील की तरफ से करीब 14 मिनट लंबी चौड़ी दलीलें दी गईं. दोनों आरोपियों को कम से कम सजा देने की मांग की गई. आरोपी पक्ष के वकीलों ने इस दौरान पिछले कई केस के फैसले का हवाला भी दिया.
निकिता पक्ष ने दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की. बहस पूरी होने के बाद जज सरताज बासवाना ने सजा सुनाने का 3:30 बजे का वक्त तय कर दिया.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सरताज बांसवाना कर रहे थे. उन्हें फरीदाबाद से रेवाड़ी तबादला कर दिया गया है. निकिता तोमर हत्याकांड के दो आरोपियों तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जबकि हत्याकांड में तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को कोर्ट ने बरी कर दिया था.
ये है पूरा मामला
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली निकिता तोमर फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही थी. वो अग्रवाल कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी. 26 अक्टूबर 2020 की शाम करीब पौने 4 बजे जब वो परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर कार में उसे अगवा करने की कोशिश की.
जब निकिता ने विरोध किया तो तौसीफ ने उसको गोली मार दी. जिससे निकिता की मौत हो गई थी. ये वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करके तौसीफ और रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तीसरे आरोपी अजरुद्दीन ने तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराया था.