नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने महिला पत्रकार राणा अय्यूब (Rana Ayyub) को फिलहाल कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने ईडी (Enforcement Directorate) को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. आज सुनवाई के दौरान राणा अय्यूब की ओर से वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अय्यूब एक पत्रकार हैं और उन्हें लंदन और इटली जाकर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल होना है. उन्होंने कहा कि अय्यूब ईडी के साथ जांच में सहयोग कर रही हैं. ईडी के दिल्ली दफ्तर ने जो दस्तावेज मांगे वे मुंबई के जोनल आफिस में थे. बाद में मुंबई के जोनल आफिस ने दिल्ली के ईडी आफिस को सीधे वो दस्तावेज भेज दिए. उसके बाद दिल्ली के ईडी आफिस ने कोई नोटिस जारी नहीं किया. एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ने पासपोर्ट क्लियर कर दिया था, लेकिन फ्लाइट पकड़ने के ठीक पहले रोक दिया गया.
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ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि राणा अय्यूब के खिलाफ एक करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं. उनके खिलाफ राहत कार्य के नाम पर पैसों को हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं. उन्होंने फर्जी बिल दिखाया है. उनसे जो दस्तावेज मांगे गए वो नहीं दिए गए, बल्कि दूसरे दस्तावेज सौंपे गए. तब कोर्ट ने ईडी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इसपर वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि तब तक उनकी याचिका अर्थहीन हो जाएगी क्योंकि याचिकाकर्ता को आज ही विदेश यात्रा पर जाना है.
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राणा अय्यूब ने ईडी की ओर से उनके देश के बाहर जाने पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी है. राणा अय्यूब को 1 अप्रैल को ही लंदन और ईटली की यात्रा पर जाना था. उनके खिलाफ ईडी ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. उन्हें पिछले 29 मार्च को लंदन फ्लाईट से जाना था, लेकिन लुकआउट सर्कुलर जारी होने की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया. राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की ईडी जांच कर रही है. याचिका में कहा गया है कि अय्यूब वाशिंगटन पोस्ट में लिखती हैं. लोकतंत्र में असहमति का महत्वपूर्ण स्थान है. ईडी की कार्रवाई केवल असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश है. राणा अय्यूब ने याचिका में अपने खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को निरस्त करने की मांग की है.