जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस ने आरोपियों को एबीवीपी का कार्यकर्ता बताया. उसके बाद से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता भड़के हुए हैं. लेकिन दूसरी ओर धर्मपाल सिंह के नाम से वर्ष 2021 में एबीवीपी की सदस्यता लेने की ऑनलाइन रसीद वायरल हो रही है. जो जोधपुर एबीवीपी ने ही रिलीज की थी. गैंगरेप के 3 आरोपियों में धर्मपाल सिंह का नाम भी शामिल है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह रसीद आरोपी धर्मपाल सिंह की ही हो सकती है. इधर जानकारी भी सामने आ रही है कि जोधपुर एबीवीपी ने डीसीपी ईस्ट डॉ अमृता दुहन के विरुद्ध मानहानि की कार्यवाही कर रही है. अधिवक्ता निखिल डूंगावत के जरिए नोटिस भेजे जाने की बात भी सामने आ रही है.
एबीवीपी के प्रांत मंत्री श्याम शेखावत का कहना है कि कोरोना के समय ऑनलाइन सदस्यता के लिए लिंक जारी किया गया था जो बंद हो चुका है. विद्यार्थी परिषद हर वर्ष नई सदस्यता जारी करता है. एबीवीपी से जुड़ने वाले कार्यकर्ता को हर वर्ष सदस्यता लेना अनिवार्य होता है. यह ऑफलाइन ही जारी की जा रही है. तीनों आरोपियों के नाम से अभी कोई सदस्यता जारी नहीं की गई है. जो ऑनलाइन रिसिप्ट है वो किस धर्मपाल सिंह की है उसका पता करेंगे. डीसीपी के विरुद्ध मानहानि के सवाल पर प्रांत मंत्री ने बताया कि शुक्रवार को हमारे लीगल एडवाइजर इसके बारे में बताएंगे.
प्रांत मंत्री और अध्यक्ष के नाम से जारी सदस्यता : 21 सितंबर 2021 को जारी ऑनलाइन सदस्यता प्रमाण पत्र में धर्मपाल सिंह का मेंबरशिप नंबर 2614 है. इस पर तत्कालीन प्रांत मंत्री अविनाश खारा और अध्यक्ष बलबीर चौधरी के हस्ताक्षर हैं. लेकिन एबीवीपी धर्मपाल सिंह कौन सा है इसकी पुष्टि नहीं कर रही है. इस घटना में पुलिस ने एबीवीपी का नाम लिया उसके बाद से संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहा है. यहां तक कि डीसीपी से माफी मांगने के लिए पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन भी दिया.
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जिस नेता का नाम लिया उसने किया इनकार : रविवार सुबह सामने आए गैंगरेप के घटनाक्रम के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तो डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने मीडिया के समक्ष कहा था कि तीनों आरोपी समंदर सिंह, धर्मपाल सिंह और भट्टम सिंह एबीवीपी से छात्र संघ चुनाव में दावेदारी कर रहे लोकेंद्र सिंह का प्रचार करने आया है. जबकि लोकेंद्र सिंह ने इसका खंडन किया था. कोर्ट में जब आरोपियों को पुलिस ने पहली बार पेश किया तो समंदर सिंह ने कहा कि कंवरराज सिंह के प्रचार के लिए वो यहां आया था. उसने ही उसके ठहरने की व्यवस्था की थी.