नयी दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर के अंदर अलग-अलग मार्च निकाला. छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसना. जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी सदस्यों ने हॉस्टल मेस में छात्रों को मांसाहारी खाना खाने से रोका और हिंसक माहौल बनाया. हालांकि, दक्षिणपंथी एबीवीपी ने इस आरोप से इनकार किया और दावा किया कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में "वामपंथियों" ने बाधा डाली.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के नेतृत्व में छात्र कुछ ही देर में वसंत कुंज नार्थ थाने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के लिए छात्र साबरमती ढाबा पर जुटे और नारेबाजी की. जेएनयूएसयू ने परिसर के अंदर मार्च निकाला और फिर कथित हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वसंत कुंज पुलिस स्टेशन गए. धापली को पीटते हुए छात्रों ने परिसर के अंदर मार्च किया और एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने "एबीवीपी कार्यकर्ताओं" के वीडियो भी साझा किए, जिनमें कथित तौर पर छात्रों पर वाइपर और लाठियों से हमला किया गया था. एक अन्य कथित वीडियो में "एबीवीपी कार्यकर्ताओं" को जय श्री राम के नारे लगाते हुए और कावेरी छात्रावास के अंदर हंगामा करते हुए दिखाया गया, जो झगड़ा का केंद्र है. तीसरे वीडियो में कुछ छात्रों को चिकन की आपूर्ति के लिए मेस में गए एक सप्लायर पर हमला करते हुए दिखाया गया है. इस मामले में डीसीपी का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं लेफ्ट छात्र संगठन का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की गई है. इस पूरे घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी भी अधिकारी से बात नहीं हो सकी है.
एबीवीपी ने भी वामपंथी संगठनों के विरोध में परिसर के अंदर मार्च निकाला. उन्होंने छात्रों के कथित वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें "वाम-संबद्ध संगठनों" के कार्यकर्ताओं द्वारा पीटा गया था. दक्षिणपंथी संगठन द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, जेएनयू की छात्रा, दिव्या कहती है, "मैं पूरे दिन उपवास कर रही थी और कुछ भी नहीं खायी था. मैं पूजा में शामिल होने गयी था और पूजा के बाद हम पर वामपंथी कार्यकर्ताओं ने हमला किया था. उन्होंने मेरे हाथ पर बोतल से वार किया और मैं गंभीर रूप से घायल हो गया. वीडियो में उनके हाथ पर पट्टी बंधी दिख रही है. एबीवीपी द्वारा साझा किए गए एक अन्य वीडियो में, फ्रेंच के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र विजय प्रधान कहते हैं, मैं विकलांग हूं, लेकिन उन्होंने मुझे भी नहीं छोड़ा और मुझे पीटते रहे.
क्या था पूरा मामला
इससे पहले कावेरी हॉस्टल के मेस में मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर सुबह विवाद शुरू हुआ. दरअसल कावेरी हॉस्टल में राइट विंग के कुछ छात्रों ने नवरात्रि पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया था. इन छात्रों ने मेस सुपरवाइजर से नवरात्रि में मेस में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के लिए कहा था, लेकिन रविवार को मेस में मीट सप्लायर मीट लेकर पहुंच गया. इस पर राइट विंग के छात्र उससे उलझ पड़े और उसे मीट वापस ले जाने के लिए बोलने लगे. तभी मीट सप्लायर के पक्ष में लेफ्ट विंग के छात्र आ गए और वे मेस में मांसाहारी भोजन की डिमाण्ड करने लगे. दरअसल आज रविवार है और आज के दिन मेस में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों भोजन बनता रहा है.
इस मामले को लेकर फिर राइट और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच बहस इतनी बढ़ी कि खुनी संघर्ष में तब्दील हो गई. वहां मौजूद कुछ छात्रों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराकर दोनों गुटों को अलग किया. इस बीच मीट सप्लायर मीट लेकर वापस चला गया. लेफ्ट ग्रुप के छात्रों का कहना है कि जब हॉस्टल मेस के मेन्यू में रविवार को वेज और नॉनवेज दोनों बनता है तो दोनों चीजें क्यों नहीं बनेंगी. वहीं राइट विंग के छात्रों का आरोप है कि जब पिछले नौ दिनों से हॉस्टल में नवरात्रि की पूजा हो रही है और आज रामनवमी है तो मांसाहारी भोजन यहां कैसे बन सकता है.
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