जम्मू : जम्मू कश्मीर सरकार ने 'मटन' (बकरे का मांस) क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने, मांस का उत्पादन बढ़ाने और इसके आयात की लागत को कम करने के मकसद से अगले पांच साल के लिए 329 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है. इस परियोजना का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में मांस क्षेत्र में 122 उद्यम स्थापित करने के अलावा 6,000 रोजगार सृजित करना है.
पांच साल के लिए परियोजना को मंजूरी
कृषि उत्पादन विभाग (एपीडी) अतिरिक्त प्रमुख सचिव, अटल डुल्लू ने कहा, "जम्मू कश्मीर में विशेष रूप से कश्मीरी व्यंजनों में बड़े पैमाने पर मांस के उपयोग किया जाता है. इसे देखते हुए और मांस आयात को कम करने के लिए, सरकार ने मांस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के मकसद से महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है. यह परियोजना अगले पांच साल की होगी, जिसके लिए 329 करोड़ रुपये का अनुदान राशि दी गई है."
डुल्लू ने कहा, "जम्मू कश्मीर में मांस क्षेत्र के विकास और सुधार में निवेश, उत्पादन को बढ़ावा और आयात लागत को कम करने के बारे में है. साथ ही यह उपभोक्ताओं को गुणवत्ता और सुरक्षित मांस प्रदान करने, पारंपरिक किसानों की आजीविका में सुधार करने में भी मददगार होगी. इसके अलावा क्षेत्र में यह रोजगार के नए अवसर पैदा करने के संबंध में भी है." अधिकारियों ने कहा कि यहां मौजूदा 'मटन' उत्पादन न केवल अपर्याप्त मात्रा में है, बल्कि गुणवत्ता में भी कमी है. यह भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुरूप नहीं है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए जोखिम है.
(पीटीआई-भाषा)