पटनाः बिहार के पूर्व सीएम और हम (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि बहुत सोच समझकर यह निर्णय लिया गया है. इसके बाद संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया है. 'हम' किसी में मर्ज नहीं होने वाले हैं, इसलिए अलग हो गए. महागठबंधन छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को लेकर भी कई खुलासे किए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने साफ-साफ कह दिया कि आप पार्टी में रहिए या बाहर चले जाइये, जिसके बाद हमने तय किया कि अब अलग हो जाना चाहिए.
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सीएम पद से हटाने की रची गई थी साजिशः जीतन राम मांझी ने कहा कि जिस समय हम 9 महीने सीएम रहे, उस समय हमने कौन सी बड़ी गलती कर दी थी कि उन्होंने साजिश रची. उन्होंने शरद यादव के साथ मिलकर बैठक बुला ली, जबकि बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ मेरा था. 19 फरवरी 2015 तो जिस समय हम राज्यपाल के पास सीएम पद से इस्तीफा देने पहुंचे थे, उस समय मेरे एक जेब में एक और लेटर था. अगर हम चाहते तो विधानसभा भंग कर सकते थे. 6 माह और सीएम बने रहते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. हमने इस्तीफा देना सही समझा.
"संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया है, यह निर्णय बहुत सोच समझकर लिया गया है. हम किसी भी पार्टी में मर्ज नहीं करने वाले हैं. हमारी पार्टी इंडिपेंडेंट होकर काम करेगी. अब 18 को बैठक कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में निर्णय लेंगे कि हमें क्या करना है. हम किसी का खिलाफत नहीं कर रहे हैं. राजनीति में सब को सम्मान देने के लिए आए हैं. जब हम 9 महीने सीएम रहे तो मैंने ऐसी कौन सी गलती की जो शरद यादव से मिलकर हमें इस्तीफा देने के लिए बाध्य कर दिया. हम चाहते तो विधानसभा भंग कर सकते थे, 6 महीना और CM बने रहते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया." -जीतन राम मांझी, हम प्रमुख
18 जून को कार्यकारिणी में फैसला.. क्या करेंगे? : जीतनराम मांझी का अगला कदम क्या होगा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में जनतंत्र है, उन्होंने कहा कि 18 जून को कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है, उसमें जो निर्णय लिया जाएगा, वह किया जाएगा. वहीं जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के बयान पर मांझी ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें किसी से परेशानी नहीं है, चाहे वो ललन सिंह, नीतीश कुमार या फिर तेजस्वी ही क्यों ना हो.
क्या है पूरा मामलाः बता दें कि जीतन राम मांझी लगातार महागठबंधन से खफा चल रहे थे. कभी नीतीश कुमार की तारीफ करते तो कभी बिना नाम लिए निशाना भी साधते थे. जीतन राम मांझी नीतीश कुमार से लोकसभा चुनाव में 4 से 5 सीट की मांग कर रहे थे. मांझी के बेटे संतोष सुमन ने भी इसकी मांग की थी. बात नहीं बनने पर संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. जीतन राम मांझी भी महागठबंधन से किनारा कर लिया है. इसके बाद से बिहार में सियासत का दौर शुरू हो गया है.