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त्रिकूट रोपवे हादसा पर झारखंड हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, सरकार से कई सवालों का मांगा जवाब

देवघर के त्रिकूट रोपवे हादसा पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को जांच के आदेश दिये हैं और दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा. अदालत ने झारखंड सरकार से कई बिंदुओं पर सवाल पूछा है.

त्रिकूट रोपवे हादसा
त्रिकूट रोपवे हादसा
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Published : Apr 12, 2022, 2:26 PM IST

रांची: देवघर के त्रिकूट पहाड़ पर रोपवे हादसा पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार को मामले की जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके लिए अदालत ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी. अदालत ने मामले में संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है.

सरकार से इन सवालों का मांगा गया जवाब: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने यह मामला उठाया. जिस पर अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है. अदालत ने झारखंड सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि दुर्घटना कैसे हुई. कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए. मौके पर झारखंड सरकार की ओर से क्या किया जा रहा है. क्या पहले भी यहां दुर्घटना हुई थी. उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाया गया था क्या. इन तमाम बिंदुओं पर अदालत ने अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार (वीडियो)

इसे भी पढ़ें: Trikut Ropeway Accident: त्रिकूट पर्वत पर रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, निकाले गए सारे पर्यटक

पहले भी हुई थी दुर्घटना, नहीं लिया गया था एक्शन: मामले की सुनवाई के दौरान यह भी चर्चा में आया कि 2011 में इसमें सुधार करने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. उसके बावजूद किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया गया. जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ है. बता दें कि देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई. तीन दिनों तक रेस्क्यू कर रोपवे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया.

रांची: देवघर के त्रिकूट पहाड़ पर रोपवे हादसा पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार को मामले की जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके लिए अदालत ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी. अदालत ने मामले में संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है.

सरकार से इन सवालों का मांगा गया जवाब: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने यह मामला उठाया. जिस पर अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है. अदालत ने झारखंड सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि दुर्घटना कैसे हुई. कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए. मौके पर झारखंड सरकार की ओर से क्या किया जा रहा है. क्या पहले भी यहां दुर्घटना हुई थी. उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाया गया था क्या. इन तमाम बिंदुओं पर अदालत ने अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार (वीडियो)

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पहले भी हुई थी दुर्घटना, नहीं लिया गया था एक्शन: मामले की सुनवाई के दौरान यह भी चर्चा में आया कि 2011 में इसमें सुधार करने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. उसके बावजूद किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया गया. जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ है. बता दें कि देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई. तीन दिनों तक रेस्क्यू कर रोपवे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया.

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