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कई टॉप माओवादियों का गुरुकुल रहा है दंतेवाड़ा, झारखंड के नक्सलियों की छत्तीसगढ़ में आतंक की क्लास - टॉप कमांडर रहे सुधाकरण

दंतेवाड़ा में ट्रेनिंग लेने वाले कई नक्सली बूढ़ापहाड़ में झारखंड बिहार के नक्सलियों को ट्रेंड करते थे. कई शीर्ष माओवादियों ने हिंसा और आतंक मचाने की क्लास इसी इलाके से की है.

Dantewara Naxali Training Center
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Published : Apr 26, 2023, 8:22 PM IST

पलामू: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए हमले के बाद एक बार फिर से नक्सली पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गए हैं. झारखंड के बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा के इलाके से नक्सलियों का लगभग सफाया हो चुका है. गौरतलब है कि किसी जमाने में बूढ़ा पहाड़ और छकरबंधा में सक्रिय कई नक्सली दंतेवाड़ा के इलाके में ट्रेनिंग ले चुके हैं. वहीं दंतेवाड़ा के नक्सली बूढ़ापहाड़ में भी झारखंड बिहार के नक्सलियों को ट्रेनिंग दिया करते थे.

ये भी पढ़ें: Naxal in Palamu: नक्सलियों के पास नहीं बचे हैं लड़ाके, कमांडर्स को मिलाकर तैयार कर रहे दस्ता

इन्होंने लिया था ट्रेनिंग: झारखंड बिहार में माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट टेक विश्वनाथ और अजीत उर्फ चार्लीस छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके में ट्रेनिंग ले चुके थे. जबकि कभी बूढ़ापहाड़ के इलाके में टॉप कमांडर रहे सुधाकरण भी दंतेवाड़ा के इलाके से ही पहुंचा था. सुधाकरण अपनी पत्नी और टीम के साथ बूढ़ापहाड़ के इलाके में पहुंचा था. लंबे समय तक कमान संभाली थी. बाद में सुधाकरण ने 2019-20 में तेलंगाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. टेक विश्वनाथ मांओवादियों का लैंडमाइंस एक्सपर्ट रहा है. बूढ़ापहाड़ और सारंडा के इलाके में उसी ने माइंस को बिछाया था.

छत्तीसगढ़ के नक्सलियों से मिली तकनीक: नाम ना छापने की शर्त पर एक पूर्व नक्सली ने बताया कि झारखंड बिहार में नक्सलियों को कई तकनीक छत्तीसगढ़ के नक्सलियों ने दी थी. उनके टॉप कमांडर छत्तीसगढ़ के इलाकों में बैठक में भाग लेने जाते थे. गुरिल्ला वार की तकनीक को सीखते थे. कई मौकों पर छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को भी ट्रेनिंग के लिए यहां बुलाया जाता था.

बूढ़ापहाड़ खत्म होने के बाद कनेक्शन कमजोर: एक पूर्व नक्सली ने बताया कि टॉप कमांडर दंतेवाड़ा जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते थे. जबकि दस्ता जाने की स्थिति में सभी पैदल ही सफर तय करते थे. उन्होंने बताया कि कई मामलों में छत्तीसगढ़ और झारखंड-बिहार के नक्सलियों के बीच मतभेद हुआ करते थे. बूढ़ापहाड़ के खत्म होने के बाद झारखंड-बिहार के नक्सलियों का छत्तीसगढ़ कनेक्शन कमजोर हो गया है.

हथियारों का होता था आदान-प्रदान: कुछ वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में एक्स 95 हथियार को बरामद किया था. यह एक्स 95 हथियार 2011-12 पलामू लातेहार सीमा पर हुए मुठभेड़ में माओवादियों ने सीआरपीएफ के जवान से लूटे थे. उस दौरान यह बात निकलकर सामने आई थी कि बिहार-झारखंड के नक्सली छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके से हथियारों को ले रहे हैं और इसके बदले उन्हें दे अपना हथियार देते थे.

पलामू: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए हमले के बाद एक बार फिर से नक्सली पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गए हैं. झारखंड के बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा के इलाके से नक्सलियों का लगभग सफाया हो चुका है. गौरतलब है कि किसी जमाने में बूढ़ा पहाड़ और छकरबंधा में सक्रिय कई नक्सली दंतेवाड़ा के इलाके में ट्रेनिंग ले चुके हैं. वहीं दंतेवाड़ा के नक्सली बूढ़ापहाड़ में भी झारखंड बिहार के नक्सलियों को ट्रेनिंग दिया करते थे.

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इन्होंने लिया था ट्रेनिंग: झारखंड बिहार में माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट टेक विश्वनाथ और अजीत उर्फ चार्लीस छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके में ट्रेनिंग ले चुके थे. जबकि कभी बूढ़ापहाड़ के इलाके में टॉप कमांडर रहे सुधाकरण भी दंतेवाड़ा के इलाके से ही पहुंचा था. सुधाकरण अपनी पत्नी और टीम के साथ बूढ़ापहाड़ के इलाके में पहुंचा था. लंबे समय तक कमान संभाली थी. बाद में सुधाकरण ने 2019-20 में तेलंगाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. टेक विश्वनाथ मांओवादियों का लैंडमाइंस एक्सपर्ट रहा है. बूढ़ापहाड़ और सारंडा के इलाके में उसी ने माइंस को बिछाया था.

छत्तीसगढ़ के नक्सलियों से मिली तकनीक: नाम ना छापने की शर्त पर एक पूर्व नक्सली ने बताया कि झारखंड बिहार में नक्सलियों को कई तकनीक छत्तीसगढ़ के नक्सलियों ने दी थी. उनके टॉप कमांडर छत्तीसगढ़ के इलाकों में बैठक में भाग लेने जाते थे. गुरिल्ला वार की तकनीक को सीखते थे. कई मौकों पर छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को भी ट्रेनिंग के लिए यहां बुलाया जाता था.

बूढ़ापहाड़ खत्म होने के बाद कनेक्शन कमजोर: एक पूर्व नक्सली ने बताया कि टॉप कमांडर दंतेवाड़ा जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते थे. जबकि दस्ता जाने की स्थिति में सभी पैदल ही सफर तय करते थे. उन्होंने बताया कि कई मामलों में छत्तीसगढ़ और झारखंड-बिहार के नक्सलियों के बीच मतभेद हुआ करते थे. बूढ़ापहाड़ के खत्म होने के बाद झारखंड-बिहार के नक्सलियों का छत्तीसगढ़ कनेक्शन कमजोर हो गया है.

हथियारों का होता था आदान-प्रदान: कुछ वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में एक्स 95 हथियार को बरामद किया था. यह एक्स 95 हथियार 2011-12 पलामू लातेहार सीमा पर हुए मुठभेड़ में माओवादियों ने सीआरपीएफ के जवान से लूटे थे. उस दौरान यह बात निकलकर सामने आई थी कि बिहार-झारखंड के नक्सली छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के इलाके से हथियारों को ले रहे हैं और इसके बदले उन्हें दे अपना हथियार देते थे.

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