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जेट एयरवेज के स्लॉट का आवंटन ऐतिहासिक अधिकारों के आधार पर नहीं : NCLT

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने कहा कि जेट एयरवेज के स्लॉट्स को ऐतिहासिक आधार पर कॉर्पोरेट देनदार को बहाल नहीं किया जा सकता है.

जेट एयरवेज
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Published : Jun 30, 2021, 11:06 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने बुधवार को जेट एयरवेज के अंतिम पुनरुद्धार (revival) आदेश को जारी किया. और कहा कि एयरलाइन किसी भी आधार पर स्लॉट पर ऐतिहासिकता का दावा नहीं कर सकती, क्योंकि दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के दिन उसके पास कोई ऑपरेटिंग स्लॉट नहीं था.

मोहम्मद अजमल (Mohammed Ajmal) और वी नल्लासेनपति (V. Nallasenapathy) की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीश पीठ ने कहा कि मुरारी लाल जालान और फ्लोरियन फ्रिट्च के संघ द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को मंजूरी दी गई है.

ट्रिब्यूनल ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि वर्तमान में स्लॉट्स को ऐतिहासिक आधार पर कॉर्पोरेट देनदार को बहाल नहीं किया जा सकता है. आपको जो स्लॉट आवंटित हुआ है, उसका उपयोग करिए नहीं तो खत्म हो जाएगा.

एनसीएलटी के आदेश में कहा गया कि एयरलाइन को चलाना, जितना आसान दिखता है. उतना नहीं है.

यह भी पढ़ें- जेट एयरवेज की पुनरुद्धार योजना भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकती है : CAPA

कंसोर्टियम का उद्देश्य लेनदारों को चुकाने और कैरियर में 89.79 फीसद हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पहले दो वर्षों में 600 करोड़ रुपये का निवेश करना है.

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 22 जून को जालान कलरॉक गठजोड़ की ठप खड़ी एयरलाइन के लिए समाधान योजना को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी.

पूर्ण सेवा प्रदाता ने अप्रैल, 2019 में अपना परिचालन बंद किया था. एयरलाइन अब कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि कंपनी का सीआईआरपी पूरा हो गया है और आशीष छावछरिया 25 जून, 2021 से कंपनी के समाधान पेशेवर नहीं रह गए हैं.

जेट एयरवेज दिवाला समाधान प्रक्रिया का संक्षिप्त घटनाक्रम इस तरह है
17 अप्रैल, 2019 - नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने परिचालन बंद किया.
20 जून, 2019 - एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के संघ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में दिवाला याचिका दायर की.
13 मार्च, 2020 - जेट एयरवेज किसी भी बोलीदाता को आकर्षित करने में विफल रही तथा एनसीएलटी से समाधान प्रक्रिया के लिए कुछ और समय मांगा.
18 मार्च, 2020 - एनसीएलटी ने समाधान प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त समय की मंजूरी दी.
14 जून, 2020 - एनसीएलटी ने जेट एयरवेज पर बकाये के दावों के निपटान, विदेशी कर्ज चुकाने के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी)-मुंबई में उसके परिसर को बेचने की अनुमति दी.
17 अक्टूबर, 2020 - लेनदारों की समिति (सीओसी) ने जालान कलरॉक गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दी.
25 फरवरी, 2021 - एनसीएलटी ने विमानन नियामक डीजीसीए को स्लॉट के लिए एयरलाइन के अनुरोध का जवाब देने के लिए और समय दिया.
9 मार्च, 2021 - डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीएलटी को सौंपे हलफनामे में स्लॉट पर कोई आश्वासन देने से इनकार किया.
3 जून, 2021 - मंत्रालय ने एनसीएलटी को बताया कि जेट एयरवेज को ऐतिहासिक वरीयता के आधार पर स्लॉट नहीं दिया जा सकता.

इसे भी पढ़ें : जेट एयरवेज के संस्थापक की याचिका खारिज, कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

22 जून, 2021 - एनसीएलटी ने जालान कलरॉक गठजोड़

नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने बुधवार को जेट एयरवेज के अंतिम पुनरुद्धार (revival) आदेश को जारी किया. और कहा कि एयरलाइन किसी भी आधार पर स्लॉट पर ऐतिहासिकता का दावा नहीं कर सकती, क्योंकि दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के दिन उसके पास कोई ऑपरेटिंग स्लॉट नहीं था.

मोहम्मद अजमल (Mohammed Ajmal) और वी नल्लासेनपति (V. Nallasenapathy) की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीश पीठ ने कहा कि मुरारी लाल जालान और फ्लोरियन फ्रिट्च के संघ द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को मंजूरी दी गई है.

ट्रिब्यूनल ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि वर्तमान में स्लॉट्स को ऐतिहासिक आधार पर कॉर्पोरेट देनदार को बहाल नहीं किया जा सकता है. आपको जो स्लॉट आवंटित हुआ है, उसका उपयोग करिए नहीं तो खत्म हो जाएगा.

एनसीएलटी के आदेश में कहा गया कि एयरलाइन को चलाना, जितना आसान दिखता है. उतना नहीं है.

यह भी पढ़ें- जेट एयरवेज की पुनरुद्धार योजना भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकती है : CAPA

कंसोर्टियम का उद्देश्य लेनदारों को चुकाने और कैरियर में 89.79 फीसद हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पहले दो वर्षों में 600 करोड़ रुपये का निवेश करना है.

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 22 जून को जालान कलरॉक गठजोड़ की ठप खड़ी एयरलाइन के लिए समाधान योजना को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी.

पूर्ण सेवा प्रदाता ने अप्रैल, 2019 में अपना परिचालन बंद किया था. एयरलाइन अब कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि कंपनी का सीआईआरपी पूरा हो गया है और आशीष छावछरिया 25 जून, 2021 से कंपनी के समाधान पेशेवर नहीं रह गए हैं.

जेट एयरवेज दिवाला समाधान प्रक्रिया का संक्षिप्त घटनाक्रम इस तरह है
17 अप्रैल, 2019 - नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने परिचालन बंद किया.
20 जून, 2019 - एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के संघ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में दिवाला याचिका दायर की.
13 मार्च, 2020 - जेट एयरवेज किसी भी बोलीदाता को आकर्षित करने में विफल रही तथा एनसीएलटी से समाधान प्रक्रिया के लिए कुछ और समय मांगा.
18 मार्च, 2020 - एनसीएलटी ने समाधान प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त समय की मंजूरी दी.
14 जून, 2020 - एनसीएलटी ने जेट एयरवेज पर बकाये के दावों के निपटान, विदेशी कर्ज चुकाने के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी)-मुंबई में उसके परिसर को बेचने की अनुमति दी.
17 अक्टूबर, 2020 - लेनदारों की समिति (सीओसी) ने जालान कलरॉक गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दी.
25 फरवरी, 2021 - एनसीएलटी ने विमानन नियामक डीजीसीए को स्लॉट के लिए एयरलाइन के अनुरोध का जवाब देने के लिए और समय दिया.
9 मार्च, 2021 - डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीएलटी को सौंपे हलफनामे में स्लॉट पर कोई आश्वासन देने से इनकार किया.
3 जून, 2021 - मंत्रालय ने एनसीएलटी को बताया कि जेट एयरवेज को ऐतिहासिक वरीयता के आधार पर स्लॉट नहीं दिया जा सकता.

इसे भी पढ़ें : जेट एयरवेज के संस्थापक की याचिका खारिज, कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

22 जून, 2021 - एनसीएलटी ने जालान कलरॉक गठजोड़

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