पटना : जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर पटना के एमपीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया है. बता दें कि आय से अधिक मामले में राधाचरण साह को ईडी ने गिरफ्तार किया था. राधाचरण के यहां से कार्रवाई में एक करोड़ से अधिक नकद और 11 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे. बैंक में छह करोड़ जमा होने की जानकारी भी मिली थी. इसके बाद राधाचरण के करीब 60 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए थे.
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बेऊर जेल भेजे गए राधाचरण साह : जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके सीने में दर्द है. उन्हें इलाज की जरूरत है. राधाचरण के वकील की इस दलील का ईडी के अधिवक्ता ने विरोध नहीं किया. फिलहाल राधाचरण साह को बेऊर जेल में भेजा गया है. कोर्ट ने राधाचरण साह को मेडिकल वार्ड में रखने का निर्देश दिया है.
सीने में दर्द की शिकायत : जदयू विधान पार्षद राधा चरण सेठ ने सीने में दर्द की शिकायत की थी उनका मेडिकल चेकअप कराया गया और फिर कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें बेउर जेल भेज दिया गया. राधाचरण सेठ के 60 बैंक अकाउंट फ्रीज किए जा चुके हैं. आयकर की कार्रवाई को आधार बनाकर 6 जून, 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने साह के पटना, हजारीबाग, धनबाद और कोलकाता के साथ ही देश भर में कुल 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी.
राधाचरण साह पर ईडी की कार्रवाई पर सियासत : गौरतलब है कि टैक्स चोरी के मामले में बुधवार की शाम को प्रवर्तन निदेशालय ने जेडीयू के विधान पार्षद राधाचरण साह को आरा से गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी बिहार में सियासी तूफान छिड़ गया है. बीजेपी उनके कर्मों की करतूत करार दे रही है तो वहीं जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी ने ईडी और सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई पर ही उंगली उठाई है. INDIA गठबंधन ने कहा कि बीजेपी के भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती.