श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना केंद्र शासित प्रदेश के लिए सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि प्रशासन इसे भव्य आयोजन बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. जम्मू कश्मीर के 2023 में जी-20 की बैठकों की मेजबानी करने के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने समग्र समन्वय के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया.
अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्रदत्त विशेष दर्जे को वापस लेने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू कश्मीर में आयोजित होने वाला यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा. सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "यह बहुत अच्छी शुरुआत है. यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि हमें जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का अवसर मिलेगा. हमने एक समिति बनाई है और हम इसे भव्य बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे." इससे पहले दिन में, उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विकास शांतिपूर्ण माहौल में ही हो सकता है. उन्होंने कहा, "अगर शांति नहीं हो तो दुनिया की कोई भी ताकत इस स्थान पर विकास नहीं कर सकती है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ये पसंद नहीं आता. वे यहां शांति नहीं चाहते, वे हिंसा चाहते हैं."
सिन्हा ने कहा कि अगर केंद्र शासित प्रदेश बंद और हिंसा के दौर में लौटता है तो उसे फिर से खौफनाक दिन देखना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, "मैं लोगों से इन तत्वों से सावधान रहने की अपील करता हूं. वे आपके मित्र नहीं हैं, वे शांति के मार्ग में रोड़ा बनाना चाहते हैं. हालांकि, ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है और मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारा प्रशासन और सुरक्षा बल आम आदमी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं." उपराज्यपाल ने कहा, "हम निर्दोष को नहीं छुएंगे, यही हमारी नीति है, लेकिन हमारी नीति यह भी है कि दोषियों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा."
(पीटीआई-भाषा)