जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में रविवार को तीन और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. इसके साथ संविधान के अनुच्छेद 311 का उपयोग करके केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा सेवा से बर्खास्त किए गए सरकारी कर्मचारियों की कुल संख्या 47 हो गई है. बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में एक जूनियर इंजीनियर, एक शिक्षक और एक अर्दली शामिल हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत की गई है, जो संघ या राज्य सरकार के तहत नागरिक क्षमताओं में कार्यरत व्यक्ति की बर्खास्तगी का प्रावधान करता है.
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Jammu and Kashmir government has terminated three employees from the services for actively working with Pakistani terror outfits and providing logistics to terrorists, propagating terrorist ideology, raising terror finances and furthering secessionist agenda. Further details…
— ANI (@ANI) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 17, 2023
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन तीन बर्खास्तगी से पहले 44 सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त किया जा चुका है. सरकार ने उन राष्ट्र-विरोधी तत्वों के प्रति 'शून्य सहनशीलता' की नीति अपनाई , जो सरकार में होने का फायदा उठा रहे थे. कर्मचारियों को राज्य के हितों के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल पाया गया, जैसे कि आतंक से संबंधित गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में पीएमजीएसवाई, बांदीपुर में एक जूनियर इंजीनियर (लोक निर्माण विभाग) मंजूर अहमद इटू शामिल हैं. सैयद सलीम अंद्राबी समाज कल्याण विभाग में तहसील हंदवाड़ा, कुपवाड़ा में एक अर्दली हैं और मोहम्मद औरिफ शेख जो सरकारी मिडिल स्कूल पगीहल्ला माहौर रियासी में शिक्षक है. अधिकारियों ने कहा कि उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जिनमें कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ काम करना, आतंकवादियों को रसद प्रदान करना, आतंकवादी विचारधारा का प्रचार करना, आतंकवाद के लिए वित्त जुटाना और अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाना शामिल है.