श्रीनगर: पवित्र अमरनाथ तीर्थयात्रा आज सुबह शुरू हो गई. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना के बाद इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. सरकार ने इस यात्रा को सुगम और सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. आतंकी खतरों के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं.
जानकारी के अनुसार उपराज्यपाल ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को औपचारिक रूप से पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना किया. इसके लिए उपराज्यपाल जम्मू बेस कैंप पहुंचे. इस दौरान आधार शिविर को बाबा बर्फानी के रंगों में रंगा गया. इस यात्रा में शामिल भक्तों ने यात्रा शुरू होने के साथ ही बम-बम भोले के जयकारे लगाए. माहौल भक्ति भाव से भरा रहा. जानकारी के अनुसार भक्तों का एक जत्था बृहस्पतिवार को ही आधार शिविर पहुंच गया था. खबर है कि पहला जत्था शनिवार को हिमलिंग का दर्शन कर लौट आएंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 3,294 तीर्थयात्रियों का पहला काफिला तड़के घाटी के लिए रवाना हुआ. तीर्थयात्री वाहनों में सवार होकर बाल ताल बेस कैंप और पहलगाम के लिए रवाना हुए. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यात्रा काफिले की निगरानी का काम स्पेशल बाइकर्स स्क्वाड और सीआरपीएफ क्विक एक्शन टीम करेगी.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की कई बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी तीर्थयात्रियों के काफिले के साथ घाटी के लिए रवाना हो गई हैं. तीर्थयात्रियों की सहायता और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए एक मोटरसाइकिल दस्ता भी बनाया गया है. अमरनाथ यात्रा के बेहतर संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. जम्मू से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है. जम्मू, कश्मीर हाईवे और कश्मीर में सभी इंतजाम किए गए हैं ताकि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो.
उपराज्यपाल एवं अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिंहा ने इससे पहले इस यात्रा को लेकर सरकार की ओर से की गई तैयारियों का जायजा लिया था. उपराज्यापाल इस यात्रा को लेकर काफी गंभीर हैं. उन्होंने समय-समय पर इसकी तैयारियों का जायजा लिया था. पिछले कुछ वर्षों के दौरान हुई घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है. बताया जाता है कि करीब 1600 से अधिक श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंच गए थे. भक्तों के लिए रास्ते में ठहरने के लिए शिविर बनाए गए हैं. यह यात्रा दो महीने तक चलेगी. वार्षिक अमरनाथ यात्रा 31 अगस्त को विशेष पूजा के साथ समाप्त होगी.