जम्मू : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में जेल विभाग के तीन अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सीएसआर के अनुच्छेद 226 (2) के संदर्भ में आयु और सेवा अवधि के बेंचमार्क को पार करने वाले अधिकारियों के रिकॉर्ड की जांच की नियमित प्रक्रिया के दौरान तीनों अधिकारियों को आरोपित पाया, जिसके बाद ने भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया.
प्रवक्ता ने कहा कि इन अधिकारियों ने लोक सेवकों के लिए अशोभनीय और स्थापित आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, "इन सेवानिवृत्त लोगों में से एक गंभीर आपराधिक मामले में शामिल पाया गया और तीन साल तक हिरासत में भी रह चुका है. इसके अलावा अधिकारी की खराब सार्वजनिक प्रतिष्ठा थी." एक अन्य अधिकारी को संचार के आधिकारिक चैनलों का उल्लंघन करने और फर्जी और तुच्छ शिकायतें भेजने, आरटीआई अधिनियम का दुरुपयोग करने और उच्च न्यायालय का समय बर्बाद करने का दोषी पाया गया, जिसके लिए अदालत ने उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
प्रवक्ता ने कहा कि सजा के तौर पर अधिकारी की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई थी. इसके अलावा, एक अधिकारी उप-जेल रियासी के अंदर वर्जित पदार्थों की तस्करी में शामिल पाया गया था. समीक्षा समिति की सिफारिशों के अनुसार इन कर्मचारियों का प्रदर्शन असंतोषजनक पाया गया और सरकारी सेवा में उनका बने रहना जनहित के खिलाफ पाया गया.