श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर पुलिस ने उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि पुलिस ने अमरनाथ यात्रियों पर लाठीचार्ज किया था. जम्मू और कश्मीर पुलिस ने इन आरोपों को 'मनगढ़ंत' और 'निराधार' बताया है. गांदरबल पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने यात्रियों पर लाठीचार्ज किया. हालांकि, यह खबर पूरी तरह से मनगढ़ंत और निराधार है. बयान में कहा गया है कि पहले से जारी यातायात सलाह के अनुसार किसी भी यात्री या पर्यटक वाहन को कट-ऑफ समय (यानी जब आरओपी वापस ले लिया जाता है) के बाद आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इसके बजाय उसे समायोजित किया जाएगा.
कट-ऑफ के दौरान कुछ लोगों राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया: बयान में कहा गया है कि जब यह कट-ऑफ लगाया जा रहा था, तो कुछ लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और उन्हें आगे जाने की अनुमति देने पर जोर दिया है. इस बीच, जब उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रोका तो एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को ले जा रही एक एम्बुलेंस को भी उनके द्वारा रोका गया लेकिन स्थिति को देखते हुए पुलिस कर्मियों ने एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ कर दिया. आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि निहित स्वार्थ वाले कुछ समाचार पोर्टल झूठी खबर फैलाकर पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे समाचार पोर्टलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें- |
बता दें कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को जम्मू में विधिवत पूजा अर्चना के बाद तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. पहले जत्थे में 3,488 तीर्थयात्री शामिल थे. श्राइन बोर्ड अधिकारियों के अनुसार इस पवित्र यात्रा के लिए अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपना पंजीकरण कराया है. यह तीर्थयात्रा 31 अगस्त को समाप्त होगी.
(एएनआई)