अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में दीपू कुमार की हत्या के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक बड़े घटनाक्रम में पुलिस ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के जंगलात मंडी इलाके में 18 दिन पहले उधमपुर के मजदूर दीपक कुमार की हत्या में कथित रूप से शामिल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डीआईजी दक्षिण कश्मीर रईस मुहम्मद भट्ट ने इस मामले की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 29 मई की शाम को स्कूटी पर अज्ञात बंदूकधारियों ने दीपक कुमार की जीएमसी अनंतनाग के पास मनोरंजन पार्क के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी. हालांकि उन्हें जीएमसी अस्पताल ले जाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि हमले के बाद बंदूकधारी मौके से फरार हो गए. जिसके बाद पुलिस ने धारा 7/27 आईए एक्ट, 302 आईपीसी 16,18,20,39 यूएलएपी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है.
उन्होंने कहा कि 30 मई को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था और बड़े पैमाने पर जांच शुरू की गई थी. घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य जुटाए गए हैं. उन्होंने कहा कि देवा कॉलोनी से दो व्यक्ति लापता हो गए थे, जिनमें शेरपुरा देवा कॉलोनी के सहारन बशीर नदफ और शेरपुरा न्यू कॉलोनी के उबैद नजीर लिग्रो शामिल हैं. जांच टीम ने जीएमसी-अनंतनाग के पास देवा कॉलोनी से इन दोनों व्यक्तियों के लापता होने की भी पड़ताल की और तकनीकी और डेटा विश्लेषण किया, जिससे जांच टीम मामले की तह तक पहुंची.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने छह जून को समथान तलखन चौराहे पर सीमा जांच के दौरान दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. उसके खुलासे से मामले में बड़ी सफलता मिली और अपराध में शामिल अभियुक्तों की पहचान हुई, जिसके बाद अपराध में इस्तेमाल स्कूटी स्मिथ के हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में, गोला-बारूद जब्त किया गया और अपराध में शामिल जैश-ए-मोहम्मद संगठन के दो मुख्य आरोपी सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच में और आरोपियों की पहचान हुई, जिन्होंने सह-आरोपियों को सामान संबंधी सहायता प्रदान की और एक आपराधिक साजिश रची जिसके बाद तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि आरोपी पाकिस्तान से थे. इनका जैश-ए-मोहम्मद के एफएफके हैंडलर खालिद कामरान नाम के आका के संपर्क में था और उसी के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया गया.
डीआईजी ने कहा कि मामले को सुलझाने के बाद पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है और उन बड़े हमलों को रोकने में भी सफलता मिली है जो इन उच्च नस्ल के उग्रवादियों द्वारा सीमा पार संचालकों के माध्यम से किए गए थे. उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और और अन्य जानकारियों के सामने आने की उम्मीद है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक एके-47, उसकी मैगजीन और 40 राउंड के अलावा दो पिस्टल, उनकी मैगजीन, सात राउंड, खाली कारतूस, तीन हथगोले, सात मोबाइल फोन और एक स्कूटी बरामद करने का दावा किया है.