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जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने छात्रा से दुष्कर्म के दोषी शिक्षक को किया बरी - जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने छात्रा से बलात्कार के आरोप में जेल की सजा काट रहे एक शिक्षक को बरी कर दिया. बता दें कि शिक्षक को शोपियां कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी. (Jammu and Kashmir High Court, teacher convicted of raping student,Jammu and Kashmir)

Jammu and Kashmir High Court acquits teacher accused of raping student
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने छात्रा से दुष्कर्म के दोषी शिक्षक को किया बरी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 9:34 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने छात्रा से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे एक शिक्षक को शुक्रवार को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उसका अपराध साबित करने में विफल रहा है.कश्मीर घाटी के शोपियां जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक मुहम्मद मकबूल गनई को सितंबर 2022 में शोपियां के जिला और सत्र न्यायाधीश ने 2015 में अपने छात्र के साथ बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया था.

मामले में उन्हें 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी और उन पर 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था. इस संबंध में आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने 2015 में गनेई पर अपने घर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था, जहां वह ट्यूशन के लिए गई थी. मामले में पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था और उस पर 376/एफ, 342, 506 आरपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया था. वहीं गनई ने अपनी सजा को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी.

इस पर हाई कोर्ट ने शोपियां अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और पुलिस से उसे रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केवल कमजोर और कमजोर सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराना खतरनाक है.कोर्ट ने कहा कि शिक्षक के खिलाफ प्रस्तुत किए गए सबूतों ने उचित संदेह से परे उसके अपराध को स्पष्ट रूप से स्थापित नहीं किया. सबूत कमजोर, नाजुक, विश्वसनीयता की कमी वाले प्रतीत होते हैं, जो आरोपी और अपराध के बीच संबंध साबित नहीं करते हैं.

ये भी पढ़ें - सीपीएस नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए हिमाचल सरकार के वकील, अब हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी नजरें

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने छात्रा से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे एक शिक्षक को शुक्रवार को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उसका अपराध साबित करने में विफल रहा है.कश्मीर घाटी के शोपियां जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक मुहम्मद मकबूल गनई को सितंबर 2022 में शोपियां के जिला और सत्र न्यायाधीश ने 2015 में अपने छात्र के साथ बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया था.

मामले में उन्हें 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी और उन पर 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था. इस संबंध में आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने 2015 में गनेई पर अपने घर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था, जहां वह ट्यूशन के लिए गई थी. मामले में पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था और उस पर 376/एफ, 342, 506 आरपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया था. वहीं गनई ने अपनी सजा को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी.

इस पर हाई कोर्ट ने शोपियां अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और पुलिस से उसे रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केवल कमजोर और कमजोर सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराना खतरनाक है.कोर्ट ने कहा कि शिक्षक के खिलाफ प्रस्तुत किए गए सबूतों ने उचित संदेह से परे उसके अपराध को स्पष्ट रूप से स्थापित नहीं किया. सबूत कमजोर, नाजुक, विश्वसनीयता की कमी वाले प्रतीत होते हैं, जो आरोपी और अपराध के बीच संबंध साबित नहीं करते हैं.

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