श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों को लेकर विरोध-प्रदर्शन या हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. इस बारे में प्रशासन ने सेवा आचरण नियमों को लागू करके अपने कर्मचारियों को उनके सेवा मामलों के लिए किसी भी विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है और प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने पर कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
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The order contravenes the ILO conventions to which India is a party. Government employees only stage demonstrations and rallies when their legitimate and just demands are not fulfilled. The directive is yet another assault on the employees' and workers' constitutional rights. pic.twitter.com/rEqvFaPnk6
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— M Y Tarigami (@tarigami) November 3, 2023
एलजी प्रशासन ने आज एक आदेश जारी कर कहा कि कुछ कर्मचारी कुछ मांगों के पक्ष में प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं जो नियमों के खिलाफ है. साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी (आचरण) नियम, 1971 के नियम 20 (ii) का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा से संबंधित किसी भी मामले के संबंध में किसी भी प्रकार की हड़ताल का सहारा नहीं लेगा या किसी अन्य कर्मचारी को भी उकसाएगा नहीं.
आदेश में कहा गया है कि कानून का प्रावधान केवल घोषणात्मक प्रकृति का नहीं है और ऐसे किसी भी कर्मचारी के ऐसे कृत्यों में लिप्त पाए जाने की स्थिति में निश्चित रूप से इसके परिणाम होंगे. आदेश के मुताबिक सभी प्रशासनिक सचिवों से कहा गया है कि वे इन निर्देशों को अपने संबंधित विभागों में कर्मचारियों को प्रसारित करें. ऐसे सभी अनावश्यक प्रदर्शनों और हड़तालों से दूर रहें क्योंकि यह गंभीर अनुशासनहीनता और कदाचार का कार्य है. प्रशासन ने विभागों से आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है. बता दें जम्मू-कश्मीर में विद्युत देवेन्द्र विभाग, उपभोक्ता मामले सहित विभिन्न कर्मचारी संघ और हजारों दैनिक वेतनभोगी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सेवा अधिकारों और वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर जम्मू और श्रीनगर शहरों में प्रदर्शन किया था.
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